नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक और समानांतर सिनेमा के जनक श्याम बेनेगल का आज शाम 6:30 बजे निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। यह खबर और भी ज्यादा चौंकाने वाली है क्योंकि उन्होंने 14 दिसंबर को ही अपना 90वां जन्मदिन अपने दोस्तों और परिवार के साथ मनाया था।
Renowned Indian filmmaker Shyam Benegal passes away after prolonged illness. Through films like Ankur and Manthan, he laid the foundation for realistic cinema in India, showcasing the harsh realities of life. He also provided a platform for talented actresses like Shabana Azmi… pic.twitter.com/P6Wv0kPlX5
— Sheeetalpsingh (@Sheeetalps) December 23, 2024
शुरुआती जीवन और परिवार
श्याम बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर, 1934 को हैदराबाद में हुआ था। वह प्रसिद्ध कलाकार और निर्देशक गुरुदत्त के परिवार से ताल्लुक रखते थे। गुरुदत्त की नानी और श्याम बेनेगल की दादी सगी बहनें थीं, इस लिहाज से वे गुरुदत्त के चचेरे भाई थे। श्याम बेनेगल को बचपन से ही फिल्मों का शौक था। उनके पिता श्रीधर बेनेगल कर्नाटक के मशहूर फोटोग्राफर थे। उनके प्रभाव में आकर श्याम ने 12 साल की उम्र में ही अपने पिता के कैमरे से पहली फिल्म बना दी थी।
परिवार में कौन-कौन ?
श्याम बेनेगल की पत्नी का नाम नीरा बेनेगल है और उनकी एक बेटी पिया बेनेगल हैं, जो एक प्रसिद्ध कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं।
फिल्मी सफर और योगदान
श्याम बेनेगल को समानांतर सिनेमा का अग्रणी निर्देशक माना जाता है। उन्होंने “अंकुर,” “निशांत,” “मंथन,” “भूमिका,” “जुबैदा,” और “वेलकम टू सज्जनपुर” जैसी यादगार फिल्में दीं। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी और सामाजिक मुद्दों को बड़े पर्दे पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
सम्मान और उपलब्धियां
श्याम बेनेगल को उनकी उत्कृष्ट फिल्मों के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उन्हें 1976 में पद्मश्री, 1991 में पद्मभूषण, और 2007 में भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नए कलाकारों का किया परिचय
श्याम बेनेगल ने हिंदी सिनेमा को नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल, ओम पुरी, और गोविंद निहलानी जैसे दिग्गज कलाकार दिए। उनका योगदान भारतीय सिनेमा के लिए अमूल्य है।