नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन ने सरकारी और निजी स्कूलों में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के एडमिशन पर रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले दिल्ली नगर निगम ने भी इसी मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की बात कही थी। DoE के आदेश में स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि एडमिशन के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों का सख्ती से वेरिफिकेशन किया जाए। साथ ही, यदि किसी भी छात्र के दस्तावेज संदिग्ध लगते हैं, तो इसकी जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस को दी जाए। आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी स्कूलों को वीकली रिपोर्ट तैयार कर संबंधित अधिकारियों को सौंपनी होगी।
अवैध एडमिशन की जांच के निर्देश
DoE ने स्कूलों से पहले से चल रहे एडमिशनों की जांच करने का भी निर्देश दिया है। अगर जांच के दौरान किसी भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी के एडमिशन का मामला सामने आता है, तो उसे तुरंत रद्द करने के साथ ही पुलिस को सूचित किया जाए।
Delhi Govt’s Directorate of Education issues order to ensure strict admission procedures and to verify documents of students in order to prevent illegal Bangladeshi migrants’ enrolment
“Accordingly, all the Heads of Govt., Govt. Aided & Unaided Recognized Private Schools of DoE… pic.twitter.com/cSy6xA7qxf
— ANI (@ANI) December 23, 2024
एमसीडी ने भी जारी किया था आदेश
21 दिसंबर को एमसीडी ने भी विद्यालयों को निर्देश दिया था कि एडमिशन प्रक्रिया के दौरान अवैध प्रवासियों की पहचान की जाए। एमसीडी ने कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूलों में ऐसे लोगों को प्रवेश न मिले, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं।
चुनावी माहौल में गरमाया मुद्दा
दिल्ली में आगामी फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का मुद्दा राजनीतिक पार्टियों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को सुविधाएं दे रही है। वहीं, आप ने पलटवार करते हुए कहा है कि जब सीमा सुरक्षा केंद्र सरकार के अधीन है, तो इन लोगों की घुसपैठ कैसे हुई।
स्कूलों की जिम्मेदारी बढ़ी
DoE और एमसीडी के इन आदेशों के बाद दिल्ली के स्कूलों पर जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब स्कूल प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी अवैध प्रवासी को एडमिशन न दिया जाए और दस्तावेजों की जांच में किसी प्रकार की ढील न बरती जाए।