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Raazi: मेघना गुलजार ने कैसे किया फिल्म “राजी” में पाकिस्तान की छवि साफ, नेवी ऑफिसर ने बयान किया अपना दुःख

Raazi: मेघना गुलजार ने कैसे किया फिल्म “राजी” में पाकिस्तान की छवि साफ, नेवी ऑफिसर ने बयान किया अपना दुःख हरिंदर सिंह सिक्का जब एक बार किसी इवेंट में उनसे (Gulzar) मिले तो गुलजार ने अपनी आंख नीचे झुका ली और उनसे मिलना भी जरूरी नहीं समझा। यहां हम इसी खबर की पूरी जानकारी आपको देने वाले हैं।

नई दिल्ली। निर्देशक मेघना गुलजार (Meghna Gulzar) पर ये आरोप लगते हैं कि उन्होंने राजी (Raazi) फिल्म में भारत की छवि और भारत के इंटेलिजेंस विभाग को खराब किया है। वहीं पाकिस्तान की छवि को साफ़ करने का प्रयास किया है। ये आरोप अभी तक कुछ लोग लगाते थे। लेकिन अब नेवी ऑफिसर ने मेघना गुलजार और उनके पिता गुलजार (Gulzar) की पोल खोल दी है। नेवी ऑफिसर हरिंदर सिंह सिक्का (Harinder Singh Sikka) ने अपना दुःख यूट्यूब चैनल द अलटरनेट मीडिया (The Alternate Media) पर बयान किया है। नेवी अफसर हरिंदर सिंह सिक्का की किताब कालिंग सेहमत (Calling Sehmat) से राजी फिल्म अडाप्टेड है। यानि की राजी फिल्म की कहानी इन्ही नेवी अफसर की किताब से ली गई है। लेकिन अब नेवी अफसर ने खुलासा किया है कि उन्होंने जो किताब में लिखा, डायरेक्टर मेघना गुलज़ार ने वो न दिखाकर फिल्म के सीन को बिल्कुल बदल ही दिया है। जब इस बात की शिकायत उन्होंने एक शिकायती पत्र में लेखक गुलजार से की तो उन्होंने भी इस बात पर कोई एक्शन नहीं लिया। बल्कि हरिंदर सिंह सिक्का जब एक बार किसी इवेंट में उनसे (Gulzar) मिले तो गुलजार ने अपनी आंख नीचे झुका ली और उनसे मिलना भी जरूरी नहीं समझा। यहां हम इसी खबर की पूरी जानकारी आपको देने वाले हैं।

भारतीय सेना के लिए सम्मान भारत के प्रत्येक देशवासी को है। उनका जो योगदान भारत देश के लिए है वो बहुत बड़ा है| जिसे शब्दों में बयान करने के लिए शब्द नहीं है। ऐसे में अगर कोई ऐसे अफसर के साथ अन्याय करता है। उनसे झूठ बोलता है। उनका अपमान करता है तो दिल को ठेस पहुंचती है। लेकिन ये स्वतंत्र भारत है। यहां तमाम प्रकार के लोग हैं। ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अपनी सोहरत, अपने पैसे के आगे न गरीब जनता दिखती है और न देश की रक्षा करने वाला जवान। तभी तो भारत के फ़िल्मकार लगातार ज्यादातर ऐसी फिल्म बनाते हैं जिन पर आरोप लगता है कि उसमें पाकिस्तान प्रेम है। जिन पर आरोप लगता है कि इन फिल्मकारों ने मुसलमानों की छवि को अच्छे से और हिन्दुओं की छवि को बेकार तरीके से पेश किया है।

हरिंदर सिंह की किताब कॉलिंग सेहमत पर राजी फिल्म बनी है। लेकिन उन्होंने किताब में जो लिखा है, वो फिल्म में शामिल नहीं किया गया है ऐसा कहना खुद हरिंदर सिंह सिक्का का है। हरिंदर सिंह का कहना है कि गुलजार ने उन्हें खुद कॉल किया था जब उनकी (Gulzar) बेटी को चार साल होने के बाद भी काम नहीं मिला था। तब हरिंदर सिंह ने मेघना गुलजार की मदद की। हरिंदर सिंह ने कहा “मेघना गुलजार ने मुझे अंकल-अंकल कहकर बेवकूफ बनाया है। जो चुभता है। डायरेक्टर ने अपनी फिल्म में इंटेलिजेंस ऑफिसर को बुरा दिखाया है और पाकिस्तान की प्रशंसा की है। वहीं मेरी किताब में मैंने लिखा है कि जब वो लड़की पाकिस्तान से वापस आती है तो भारतीय तिरंगा लहराती है और चारों और राष्ट्रगान “जन गण मन” बजता है। लेकिन अगर फिल्म देखेंगे तो उसमें ऐसा कुछ नहीं है। फिल्म में आपको भारतीय ध्वज नहीं दिखेगा लेकिन पाकिस्तानी ध्वज कई बार दिखेगा। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर मेघना गुलजार ने पाकिस्तान प्रेम क्यों दिखाया। जबकि मेरी किताब में ऐसा कुछ है ही नहीं।”

राजी फिल्म में जिस तरह से पाकिस्तान को अच्छा दिखाया गया है और भारतीय आर्मी पर आरोप लगाए गया है ये मेरे और मेरी किताब के अनुसार नहीं है। जब हरिंदर सिंह साहब ने इसका कारण पूछा तो मेकर्स ने कह दिया की उन्हें (हरिंदर सिंह) फिल्म का कोई ज्ञान नहीं है। जबकि हरिंदर सिंह सिक्का साहब की फिल्म खुद कई अवार्ड जीत चुकी है। उन्होंने कहा मैंने कारगिल वॉर लड़ा है और मैं इन लोगों से भी लडूंगा।

हरिंदर सिंह जी ने कई पत्र गुलजार को लिखे हैं लेकिन गुलजार ने उन सबका कोई जवाब नहीं दिया है। हरिंदर सिंह ने ये भी बताया कि “फिल्म में दिखाया गया है कैसे कश्मीरी महिला ने देश के लिए जंग में भाग लेकर अपने लिए मुसीबत मोल ले ली। जबकि किताब में लिखा है कि कश्मीरी महिला ने भारत लौटकर भारतीय ध्वज को प्रणाम किया था।” किताब में जो मुख्य सीन थे जिसमें भारत के लिए देशभक्ति दिखती थी वो सब राजी फिल्म से हटा दिए गए थे। राजी फिल्म में पाकिस्तान आर्मी को बहुत अच्छा दिखाया है बल्कि ऐसा नहीं है। ऐसा बंद होना चाहिए। आगे हरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने राजी फिल्म से ये सबक लिया है कि वो अब अपनी दूसरी किताब विछोड़ा पर किसी भी वामपंथी फ़िल्मकार को फिल्म बनाने नहीं देंगे।