
नई दिल्ली। हिन्दू पक्ष का मानना है की हिंदी भाषा फिल्म यानी बॉलीवुड (Bollywood) वाले सिर्फ अश्लीलता, चोरी, नशा, मारा – मारी और हिन्दू धर्म और संस्कृति के खिलाफ (Anti Hindu Religion or Culture) फिल्म बनाते हैं। ऐसे में चारों ओर से दर्शकों की आवाज़ उठ रही है कि वो ऐसी फिल्मों को नहीं देखेंगे। दर्शक के अनुसार वो उन्हीं फिल्म का सहयोग करेंगे जिसमें हिन्दू धर्म और संस्कृति (Hindu Culture and Religion) की महिमा हो। लेकिन इन सबके बावजूद बॉलीवुड को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है और वो अपनी मर्जी के मुताबिक़ ऐसे चल रहे हैं जैसे उन्हें जनता से कोई मतलब ही न हो। जबकि फिल्म एक ऐसा माध्यम है जिसमें आप जनता को कमजोर समझने की भूल कर ही नहीं सकते। जहां बॉलीवुड वाले जनता की आवाज नहीं सुन रहे, वहीं दक्षिण भाषा (South Film Industry) के बड़े और छोटे निर्माता दोनों हिन्दू धर्म और संस्कृति पर लगातार फिल्म बना रहे हैं। आज आरआरआर (RRR) की हर जगह प्रसंशा है वहीं अब तेलुगु इंडस्ट्री (Telugu Film Industry) एक और फिल्म कार्तिकेय 2 (Karthikeya 2) भी रिलीज़ करने वाली है। फिल्म भगवान कृष्ण के आस्तित्व और उनकी शक्तियों पर केंद्रित है। कार्तिकेय 2 की पूरी टीम ने फिल्म को प्रमोट करने की शुरुआत भी वृन्दावन के इस्कॉन (Isckon Vrindavan) मंदिर से किया है। यहां हम इस फिल्म से जुड़ी अन्य जानकारी आपको देने का प्रयास करेंगे।
कार्तिकेय 2 से प्यार, और डार्लिंग – लाल सिंह चड्ढा के प्रति विरोध
फिल्म डार्लिंग्स (Darlings), लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha) और रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) तीनों का विरोध चल रहा है। दर्शक लोगों से ऐसी फिल्म न देखने की अपील कर रहे हैं। जिस तरह से फिल्म का विरोध चल रहा है चाहे कितना भी प्रयास कर लिया जाए फिल्म को कुछ नुकसान होना तो तय है। और मुमकिन है कि ये फिल्में, पूरी तरह से असफल हो जाएं। अगर ऐसा होता है तो इन फिल्मों के निर्माताओं को बड़ा नुकसान देखने को मिलेगा। इसके अलावा सम्भव है आखिर में कलाकारों और मेकर्स को दर्शकों के सामने झुकना भी पड़ जाये।
फिल्म में भगवान कृष्ण की भक्ति
लोगों का मानना है उपरोक्त वर्णित सभी फिल्म अश्लीलता, गलत चीज़ें, हिंसा, और हिन्दू धर्म के खिलाफ हैं। जिसे वो देखना पसंद नहीं करेंगे। ऐसे में कार्तिकेय 2 फिल्म, 13 अगस्त को रिलीज़ हो रही है जिसमें निखिल सिद्धार्थ (Nikhil Sidharth), अनुपमा परमेश्वरन (Anupama Parmeswaran) और अनुपम खेर (Anupam Kher) जैसे दिग्गज कलाकार है। फिल्म को चंदू मोंडेति (Chandoo Mondeti) ने बनाया है। यह फिल्म पूर्णतः हिन्दू धर्म (Hindu Religion Based Film) पर केंद्रित है। जिसमें डॉ कार्तिकेय नाम का एक लड़का द्वारका नगरी के (Dwarka Nagar) और उनके रहस्यों के बारे में जानने का प्रयास करता है। फिल्म में मंदिर और भगवान कृष्ण का कई जगह पर जिक्र है। हिन्दू संस्कृति व धर्म का जिक्र है। फिल्म के संगीत में भी बांसुरी की ध्वनि सुनाई पड़ती है। जिसे भगवान कृष्ण बजाते थे। इस फिल्म को प्रमोशन करने के लिए भी फिल्म की पूरी टीम सबसे पहले इस्कॉन वृन्दावन गई, वहां प्रसाद ग्रहण किया, इस्कॉन के प्रभु जी (Pujari) से मिली और भगवान कृष्ण के सामने फिल्म के टीज़र (Karthikeya 2 Teaser) को दिखाया।
इस्कॉन वृन्दावन के प्रभु और पुजारियों को पसंद आई फिल्म
फिल्म को इस्कॉन के प्रभु (Isckon’s Prabhu ji) जी व भक्तों ने बहुत पसंद किया। उन्होंने फिल्म को सहयोग देने की बात भी कही है। इसके अलावा फिल्म को देखने का भी मन बनाया है। पूरी टीम ने जहां मंदिर जाकर फिल्म के टीज़र को दिखाया वहीं उन्होंने यह भी बताया कि, इस फिल्म के हीरों वो नहीं हैं जो इसमें काम कर रहे हैं,बल्कि स्वयं भगवान कृष्ण हैं। इससे पहले भी फिल्म के कलाकार और निर्माता ने बताया था कि इस फिल्म में उनका कोई हाथ नहीं है बल्कि सब कृष्ण की कृपा के कारण है।
फिल्म के हीरो खुद कृष्ण भगवान हैं
इस्कॉन वृन्दावन के प्रभु जी ने फिल्म पसंद किया और उन्होंने यह भी बताया की इस फिल्म के प्रदर्शन के लिए फिल्म की टीम को मंदिर भी आना चाहिए। इससे मेकर्स को लगता है कि भगवान कृष्ण का फिल्म पर आशीर्वाद है। इस फिल्म के कलाकार निखिल सिद्धार्थ कहते हैं, “भगवान कृष्ण सभी जगह हैं इसलिए वो इस फिल्म को मलयालम, कन्नड़ा, हिंदी व अन्य भाषा में रिलीज़ कर रहे हैं।”
फिल्म का मोटो – कृष्ण सत्य है
इस फिल्म के टीज़र में संस्कृत के मंत्र भी हैं इसके अलावा भारत के उस मैप का जिक्र है जो हमें आज देखने को नहीं मिलता है। फिल्म में भगवान कृष्ण और द्वारका नगरी के दृश्य दिखाए गए हैं। फिल्म में भगवान के कई प्राचीन मंदिरों (Ancient Temple) को दिखाने का प्रयास किया गया है। फिल्म में सम्मान के साथ सनातन संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया है। इसके अलावा फिल्म के कलाकार और मेकर्स ने यह भी बताया है कि “कृष्णा इज ट्रूथ (Krishna Is Truth) यानी कृष्ण ही सत्य है”- जो इस फिल्म का मोटो भी है। फिल्म में महान अभिनेता अनुपम खेर भगवान धनवंतरीं की भूमिका में दिखेंगे। भगवान धनवंतरीं जी ने ही हमें आयुर्वेद दिया है जो कई वर्षों से वैसा ही बना हुआ है जैसे वो प्राचीन समय में था। इस फिल्म के माध्यम से हिन्दू धर्म के प्राचीन इतिहास को बताने का प्रयास होगा, जिसने पश्चिम सभ्यता को बहुत कुछ दिया है।
हिन्दू संस्कृति को दिखाती फिल्म
अब जब तेलुगु भाषा में या दक्षिण भाषा में बनी फिल्म हिन्दू संस्कृति को प्रदर्शित करेंगी, जिसकी दर्शक को मांग है। वहीं हिंदी भाषा के मेकर्स गन -कल्चर, अश्लील,हिंसा, हिन्दू धर्म और संस्कृति के विरोध में या उससे इतर फिल्म प्रदर्शित करेंगे तो फिर दर्शकों के द्वारा फिल्मों का बहिष्कार तो होगा ही। फ़िलहाल 13 अगस्त को यह फिल्म पूरे भारत में हिंदी मलयालम,तमिल,तेलुगु ,कन्नड़ा भाषा में रिलीज़ होगी फिर देखते हैं क्या होता है।