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Mission Majnu: सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म Mission Majnu नेटफ्लिक्स के ओटीटी पर नम्बर वन पर कर रही है ट्रेंड

Mission Majnu: सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ इस फिल्म में रश्मिका मंदाना भी देखने को मिलीं हैं और उनके काम को भी दर्शकों ने खूब प्रशंसा की है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और रश्मिका मंदाना की इस फिल्म की जितनी प्रशंसा हुई है वहीं अब ये फिल्म टॉप पर भी आ गई है।

नई दिल्ली। आज से कुछ दिन पहले नेटफ्लिक्स के ओटीटी पर सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म मिशन मजनू को रिलीज़ किया गया था। फिल्म देशभक्ति से जुड़ी हुई है और भारतीय सैनिकों की वीरता और बुद्धिकौशल पर बात करती है। फिल्म को क्रिटिक की तरफ से अच्छे रिव्यू मिले हैं और हर तरफ से दर्शकों ने फिल्म को सराहा है। सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ इस फिल्म में रश्मिका मंदाना भी देखने को मिलीं हैं और उनके काम को भी दर्शकों ने खूब प्रशंसा की है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और रश्मिका मंदाना की इस फिल्म की जितनी प्रशंसा हुई है वहीं अब ये फिल्म टॉप पर भी आ गई है। मिशन मजनू के डायरेक्टर शांतनु बागची का आजकल चल रहे बॉयकॉट ट्रेंड को लेकर क्या कहना है यहां हम इस बारे में बताएंगे।

आपको बता दें मिशन मजनू नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफार्म पर नम्बर 1 पर ट्रेंडिंग कर रही है। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इस फिल्म में एक भारतीय जासूस का किरदार निभाया है। हालांकि कुछ लोगों ने फिल्म को खराब भी बताया है। यह एक स्पाई थ्रिलर फिल्म है जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा ने स्पाई की भूमिका निभाई है और इस फिल्म को रॉनी स्क्रूवाला ने प्रोड्यूस किया है। इसके अलावा फिल्म को डायरेक्ट शांतनु बागची ने किया है। एक काल्पनिक कहानी है जो कि भारत के पाकिस्तान में एक ख़ुफ़िया मिशन पर आधारित है।

इस फिल्म को आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं। हाल ही में इस फिल्म के बारे में बात करते हुए इस फिल्म के शांतनु बागची ने बॉयकॉट ट्रेंड पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। बॉयकॉट के बारे में बात करते हुए शांतनु कहते हैं कि लोग फिल्म का बॉयकॉट करते हैं लेकिन उसके पीछे की मेहनत को भूल जाते हैं। हर फिल्म को बनाने के पीछे काफी मेहनत होती है।

हालांकि फिल्म बनाने वाले को ये ध्यान रखना चाहिए कि वो इस बात का भी ध्यान रखे कि कोई भी फिल्म जो हम बनाते हैं वो दर्शकों की भावनाओं को ठेस पहुंचानी नहीं चाहिए। फिल्ममेकर को दर्शकों की भावनाओं की भी कद्र करनी चाहिए। हमें हर फिल्म को जिम्मेदारी के साथ बनाना चाहिए और ये ध्यान रखना चाहिए कि फिल्म देखकर दर्शकों को बुरा न लगे। फिल्में मनोरंजन और शिक्षा के लिए होती हैं ये बात हमारे दिमाग में होनी चाहिए और हमें अच्छी फिल्मों का निर्माण करना चाहिए। उम्मीद करते हैं हम जब दर्शकों की भावनाओं का ख्याल रखेंगे तो फिल्में भी बॉयकॉट नहीं होंगी।