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Sanjay Dutt: पुराने अंदाज में एक बार लौटे संजय दत्त, डॉक्टरों से पूछा- ‘कोई अगर मर रहा है? तो क्या फॉर्म भरना जरूरी है?’

Sanjay Dutt: मुंबई में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जहां बाबा ने डॉक्टरों से अपनी ही फिल्म का एक बहुचर्चित सवाल पूछ लिया। जिसके बाद उनके बगल में बैठे डॉक्टर नितिन डांगे ने अनोखे अंदाज में संजय दत्त के सवाल का जवाब भी दिया।

नई दिल्ली। बॉलीवुड में बाबा के नाम से मशहूर एक्टर संजय दत्त ने अपने पुराने और बेहद लोकप्रिय डायलॉग से सबका दिल एक बार फिर से जीत लिया है। दरअसल, संजय दत्त बीते रविवार के दिन मुंबई में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जहां बाबा ने डॉक्टरों से अपनी ही फिल्म का एक बहुचर्चित सवाल पूछ लिया। जिसके बाद उनके बगल में बैठे डॉक्टर नितिन डांगे ने अनोखे अंदाज में संजय दत्त के सवाल का जवाब भी दिया। दरअसल जब यह प्रोग्राम चल रहा था, तब संजय दत्त की जुबान पर उनकी पुरानी फेमस फिल्म मुन्ना भाई MBBS का एक फेमस डायलॉग एक बार फ़िर आ गया। संजय दत्त ने डॉक्टर से पूछा- कोई अगर मर रहा है ? तो क्या फॉर्म भरना जरूरी है ? अगर कोई मर रहा है? तो क्या अब भी casulty में इलाज करवाने से पहले फॉर्म भरना जरूरी है क्या?

डॉक्टर ने दिया मजेदार जवाब

संजय दत्त का सवाल सुनकर उनके बगल में बैठे डॉक्टर नितिन डांगे ने हंस कर बड़े ही निराले अंदाज में उनके सवाल का जवाब दिया। डॉक्टर ने कहा- ‘नहीं अब ऐसा नहीं है, अगर किसी की हालत ठीक नहीं है , तो पहले कैजुअल्टी का फॉर्म नहीं भराया जाता है, पहले हम उसका इलाज करते है। बता दे कि देशभर में आज भी कई ऐसे अस्पताल है , जहां मरीज गंभीर हालत में रहता है, लेकिन उसे एडमिट करने से पहले उसका फॉर्म भरवारा जाता है।

मुन्नाभाई MBBS का है डायलॉग

दरअसल, ये फेमस डायलॉग संजय दत्त की साल 2003 में आई फिल्म मुन्नाभाई MBBS की है। संजय दत्त की ये फिल्म और इस फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया मुन्नाभाई का किरदार उनके करियर के कालजयी कामों में से एक है। ये एक ऐसा किरदार था जो आजतक लोगों के बीच पॉपुलर है और इमोशन बन चुका है। फिल्म में संजय मुन्ना नाम के ऐसे व्यक्ति हैं जो मुंबई में भाईगिरी करता है। लेकिन गांव में उसके पिता को लगता है कि मुन्ना शहर में डॉक्टर है। एक दिन अचानक उसके पिता शहर आ जाते हैं जिसके बाद मुन्ना अपने पिता को दिखाने के लिए नकली डॉक्टर बनता है। लेकिन इस दौरान मुन्ना कुछ ऐसी परीस्थितियों से अवगत होता है जिसके बाद उसे लगता है इस सबको ठीक करने का एकमात्र तरीका वास्तव में एक डॉक्टर बनना है।

सर्किट और अन्य लोगों की मदद से, मुन्ना ने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के लिए “इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल स्टडीज” के एक संकाय सदस्य डॉ. रुस्तम पावरी को प्री-लिखने के लिए एक सहारा के रूप में उपयोग करके एक मेडिकल कॉलेज में “प्रवेश प्राप्त” करता है। उसी कॉलेज में उसकी मुलाकात अस्थाना से होती है, जो डीन है । वहां उसकी सफलता रुस्तम की (मजबूर) मदद पर निर्भर हो जाती है, जिसमें सेशनल में धोखाधड़ी जैसी स्थितियां शामिल हैं। इस फिल्म का निर्देशन राजकुमार हिरानी ने किया था। इस फिल्म का दूसरा पार्ट ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया था।

संजय दत्त हाल ही में फिल्म लियो में नजर आए। फिल्म ने 500 करोड़ की कमाई अब तक कर डाली है। वहीं संजय जल्द ही वेलकम टू द जंगल में भी नजर आने वाले हैं।