नई दिल्ली। कोरोनावायरस के कोहराम से एक तरफ जहां पूरी दुनिया त्राहिमाम है। वहीं रूस ने एक साथ तीन वैक्सीन लॉन्च कर सबको चौंका दिया। रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V को लेकर यह दावा किया गया कि यह कोरोना के खिलाफ 95 % तक असरदार है। इस वैक्सीन के ट्रायल को भारत में भी मंजूरी मिल गई। वहीं इस वैक्सीन के उत्पादन के लिए फॉर्मूला भारत को भी देने की बात कही गई। ताकि यहां इसका उत्पादन हो सके। यह पूरी दुनिया जानती है कि भारत पूरे विश्व के वैक्सीन का 50 % अकेले उत्पादित करता है और पूरी दुनिया में हर तरह की दवा और वैक्सीन के मांग की पूर्ति करता है। ऐसे में रूस की तरफ से इस वैक्सीन के उत्पादन को लेकर चीन पर नहीं बल्कि भारत पर भरोसा जताया।
अब भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम इसे माना जा सकता है कि रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड और भारत की दवा कंपनी हेटरो ने कोरोना की वैक्सीन स्पूतनिक V को लेकर करार किया है। इस करार की मानें तो अब भारत की दवा कंपनी हेटरो इस वैक्सीन की हर साल 10 करोड़ डोज बनाएगी। जिसका उत्पादन अगले साल से शुरू हो जाएगा। मतलब साफ है की अब इस वैक्सीन का इस्तेमाल भी भारतीयों के लिए हो सकेगा।
RDIF and Hetero, one of India’s leading generic pharmaceutical companies, agree to produce over 100 million doses of the #SputnikV vaccine in India
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— Sputnik V (@sputnikvaccine) November 27, 2020
आपको बता दें कि स्पूतनिक V का भारत में दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल जारी है। हालांकि इस वैक्सीन का प्रोडक्शन भारत के साथ चीन, ब्राजील, साउथ कोरिया और दूसरे देशों में भी होगा, लेकिन भारत में इसके जितने डोज का उत्पादन होगा इतनी बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन कहीं भी नहीं होगा।
भारत में रूस की इस वैक्सीन के ट्रायल को मिली मंजूरी
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच बड़ी खुशखबरी आई है। भारत ने रूस की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) स्पूतनिक-वी का देश में बड़े पैमाने पर स्टडी के लिए ट्रायल की अनुमति दे दी है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज लिमिटेड ने देश में रूसी वैक्सीन का असर जानने के लिए बड़े पैमाने पर ट्रायल के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। बता दें कि अगस्त माह में रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का ऐलान किया था। यह घोषणा खुद राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने की थी।
स्पूतनिक-वी को रूस की तरफ से मंजूरी देने से पहले वहां पर कुछ ही लोगों पर इसका ट्रायल किया गया था, इसलिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने डॉक्टर रेड्डी के शुरुआती प्रस्ताव पर सवाल उठाए थे कि आखिर कैसे भारत की बड़ी आबादी पर इसका टेस्ट किया जाए। वर्तमान में स्पूतनिक-वी का पोस्ट रजिस्ट्रेशन फेज-3 ट्रायल चल रहा है, जिसमें करीब 40 हजार प्रतिभागियों को शामिल किया गया है।
रूस की Sputnik V कोरोना वैक्सीन 95% असरदार
कोरोना की वैक्सीन को लेकर लगभग तमाम देश दावा कर रहे हैं कि इसे 2021 की शुरुआती महीनों में लोगों तक डिलीवर किया जाएगा। ऐसे में अब रूस ने दावा किया है कि, उसके द्वारा निर्मित स्पूतनिक वी(Sputnik V) वैक्सीन अपने दूसरे अंतरिम विश्लेषण के मुताबिक 95 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। मंगलवार को इस वैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी की तरफ से कहा गया है कि, कोरोना को मात देने के लिए बन रही वैक्सीन 95 प्रतिशत तक कारगर साबित हुई है। वहीं इस वैक्सीन के ट्रायल को लेकर जानकारी सामने आई है कि, इस वैक्सीन की खुराक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को भी दी जा चुकी है। इसकी कीमत को लेकर रूस ने घोषणा की है कि अन्य टीकों की तुलना में उसकी वैक्सीन का दाम कम होगा। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में स्पुतनिक-5 के एक डोज की कीमत 10 डॉलर से कम होगी।
वहीं, रूस के नागरिकों के लिए ये फ्री होगी। एक व्यक्ति को वैक्सीन के दो डोज की जरूरत होगी। गौरतलब है कि इस वैक्सीन को रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और गैमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने मिलकर विकसित किया है।
वहीं इस वैक्सीन की डिलीवरी को लेकर जानकारी सामने आई है कि, स्पुतनिक-5 वैक्सीन की पहली अंतरराष्ट्रीय डिलीवरी जनवरी 2021 में विदेशी निर्माताओं के साथ मौजूदा साझेदारी के आधार पर ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी। वहीं इसके क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे अंतरिम विश्लेषण के मुताबिक, पहली डोज देने के 28 बाद SputnikV 91.4 का असर फीसदी रहा। गौरतलब है कि आरडीआईएफ के सीईओ किरील दिमित्रिव ने कहा कि बेलारूस, ब्राजील, यूएई और भारत में क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं।
रूस के दावे को माने तो उसने अबतक कोरोना से लड़ने के लिए तीन वैक्सीन बना लिया है। रूस ने अगस्त में अपनी पहली वैक्सीन Sputnik V लॉन्च की थी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त 2020 को ऐलान किया था कि रूस ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है। इसके बाद पूरी दुनिया के एक्सपर्ट्स अचरज में पड़ गए।