नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए देने की योजना को कैबिनेट में हरी झंडी तो दिखा दी, लेकिन इसमें पेच फंस गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद महिलाओं को धनराशि देने की योजना लॉन्च करने का एलान करते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 10-15 दिन में चुनाव का एलान होगा। ऐसे में अभी महिलाओं के खातों में धनराशि भेजना संभव नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई महिलाएं कह रही हैं कि महंगाई के कारण 1000 रुपए कम हैं। ऐसे में इसी बढ़ाकर 2100 रुपए प्रति माह करने का रजिस्ट्रेशन शुक्रवार से शुरू होगा।
#WATCH | Delhi| AAP National Convenor Arvind Kejriwal says, “…Today I have come to make two big announcements for the people of Delhi. Both the announcements are for women. I had promised that I will give Rs 1,000 to every woman. This proposal was passed in the cabinet meeting… pic.twitter.com/PXO8BElu7Z
— ANI (@ANI) December 12, 2024
अरविंद केजरीवाल ने इसके साथ ही बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी केस करवा कर जेल भेजा गया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल से लौटने के बाद सीएम आतिशी के साथ बैठकर और प्रयास कर महिलाओं को रकम देने की योजना शुरू की। उन्होंने इसे कोई अहसान मानने से इनकार कर दिया। अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि बीजेपी के लोग कहते हैं कि ऐसी योजनाओं से दिल्ली की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाएगी, लेकिन मैं अकाउंट्स का जादूगर हूं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल पहले इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर रह चुके हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने हैं। इसके लिए इसी महीने के अंत में अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। साल 2020 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीट जीती थीं। अब अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनवाने के लिए कोशिश में जुटे हैं। वहीं, बीजेपी उनको शराब घोटाला, गंदी यमुना नदी, शहर में बदहाली और जलभराव समेत कई मुद्दों पर घेर रही है। अब फरवरी में तय होगा कि दिल्ली की जनता एक बार फिर अरविंद केजरीवाल का साथ देकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनवाती है या लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार बीजेपी की सरकार बनवाती है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर दिल्ली की सभी 7 सीट पर कब्जा जमाया था। जबकि, अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस का गठबंधन पूरी तरह मात खा गया था।