गंगटोक। उत्तरी सिक्किम में झील पर जमे ग्लेशियर फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़ की घटना में अब तक 51 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें सेना के 11 जवान हैं। सेना के 23 जवान इस प्राकृतिक आपदा के बाद लापता हो गए थे। बाकी की तलाश चल रही है। सिक्किम में आई इस आपदा से मारे गए 26 लोगों के शव राज्य से और 25 शव पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी इलाके से मिले हैं। आपदा के बाद 142 लोग लापता बताए जा रहे हैं। 26 लोग घायल मिले हैं। तमाम घर, 13 पुल और एक बांध भी नष्ट हो गए हैं। सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने सभी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की राहत राशि देने का एलान किया है।
सिक्किम आपदा नियंत्रण कक्ष से जानकारी मिली है कि ग्लेशियर फटने के बाद गंगटोक, मंगन, पाक्योंग और नामची में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। इससे इन जिलों में सेना के 7 जवानों समेत 26 लोगों के शव मिले। वहीं, जलपाईगुड़ी में सेना के जवानों के 4 शव समेत 25 लोगों की लाशें अलग-अलग इलाकों में मिली हैं। आपदा में बह गए सेना के जवानों में से 1 को पहले बचा लिया गया था। बाकी जवानों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। सिक्किम की इस प्राकृतिक आपदा में 2376 घरों को नुकसान पहुंचा है। इस आपदा में 25000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
In the recent flash flood, 68 persons were stranded at the height of 16000 feet, totally cut off for the last 3 days in North Sikkim. #Himveers of ITBP rescue team, launched a massive rescue operation and evacuated all the 68 persons safely. #Himveers#ITBP pic.twitter.com/sKxvRpIsWa
— ITBP (@ITBP_official) October 6, 2023
सिक्किम सरकार के अनुसार 4 जिलों के 27 इलाकों में 2413 लोगों को सुरक्षित बचाया गया। राज्य में लोगों को राहत देने के लिए 22 आपदा राहत शिविर बनाए गए हैं। इन शिविरों में 6875 लोगों ने शरण ली है। सिक्किम में आपदा के बाद आईटीबीपी के हिमवीरों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए बीते 3 दिन में 68 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। ये सभी लोग 13000 से 16000 फिट की ऊंचाई पर फंसे थे। इन इलाकों का संपर्क कट जाने की वजह से 68 लोगों की जान पर बन आई थी, लेकिन आईटीबीपी के जवानों ने सभी को बचाने में सफलता हासिल की।