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अगले 10 दिनों में 2600 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन चलाएगी भारतीय रेलवे, किया ऐलान

रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि सामान्य स्थिति की ओर लौटने के प्रयास में रेल मंत्रालय 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगा। उन्‍होंने बताया कि पिछले चार दिनों से औसतन प्रतिदिन 260 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं और प्रतिदिन तीन लाख श्रमिक इनका फायदा उठा रहे हैं।

नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि रेलवे 1 मई से अबतक 2600 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन चला चुकी है और इनके जरिये 36 लाख प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंच चुके हैं। रेलवे ने अगले 10 दिनों में 2600 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन चलाने की योजना बनाई है और इनके लिए और 36 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है।

रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि सामान्य स्थिति की ओर लौटने के प्रयास में रेल मंत्रालय 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगा। उन्‍होंने बताया कि पिछले चार दिनों से औसतन प्रतिदिन 260 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं और प्रतिदिन तीन लाख श्रमिक इनका फायदा उठा रहे हैं।उन्‍होंने कहा कि किसी भी राज्‍य सरकार से हमें अनुरोध प्राप्‍त होता है तो हम राज्‍य के भीतर भी किसी भी स्‍टेशन से ट्रेन चलाने के लिए तैयार हैं।

विनोद कुमार यादव ने कहा कि भारतीय रेलवे एक मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई। सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रेनों और स्टेशनों में शारीरिक दूरी और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। 80% ट्रेन यात्राएं उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों द्वारा की गई हैं।

उन्‍होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तूफान की वजह से नुकसान हुआ है। मुख्‍य सचिव ने कहा है कि जब यथा स्थिति बहाली का काम हो जाएगा तो जानकारी देंगे और इसके बाद ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि एक अप्रैल से 22 मई तक मालगाड़ी आवागमन से 9.7 मिलियन टन खाद्यान्न की डिलीवरी सुनिश्चित की।  22 मार्च से 3,255 पार्सल स्पेशल ट्रेनें का संचालन किया गया है।

पिछली जनगणना के अनुसार देश में 4 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं और रेलवे ने अभी तक 36 लाख मजदूरों को ट्रेनों के जरिये उनके गृह राज्‍य पहुंचाया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि इंटर स्‍टेट बसों के जरिये भी 40 लाख मजदूर अपने घर पहुंच चुके हैं।