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More Than 100 Terrorists In Jammu And Kashmir: अपने यहां के आतंकियों को घुसपैठ करा जम्मू-कश्मीर में दहशत फैला रहा पाकिस्तान, सक्रिय 119 में स्थानीय की संख्या बेहद कम

More Than 100 Terrorists In Jammu And Kashmir: जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक 61 आतंकियों को सेना और सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। आए दिन एनकाउंटर हो रहे हैं। अब जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय आतंकियों की संख्या भी सामने आई है। इनको ढेर करने की कोशिश सेना और सुरक्षाबलों के जवान लगातार कर रहे हैं।

जम्मू। जम्मू-कश्मीर में इस साल जून से आतंकी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। प्रवासियों के साथ ही सेना पर भी आतंकी हमले होते रहे हैं। पिछले दिनों ही एक सुरंग के निर्माण स्थल पर आतंकियों ने धावा बोलकर एक डॉक्टर समेत कई मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद सेना और सुरक्षाबलों को आतंकियों का नाम-ओ-निशान मिटाने के लिए खुली छूट दी गई। नतीजे में जम्मू-कश्मीर में कई जगह ऑपरेशन में सेना और सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ढेर भी किया है, लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अभी 100 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं और इनका सफाया किया जाना बाकी है।

जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक 61 आतंकियों को सेना और सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। आए दिन एनकाउंटर हो रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अभी 119 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें से 40 आतंकी जम्मू क्षेत्र में और अन्य 79 कश्मीर घाटी में हैं। इन 119 में से 95 आतंकी पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए हैं। कश्मीर के स्थानीय आतंकियों की तादाद 24 है। पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए आतंकियों में से 61 कश्मीर इलाके में सक्रिय हैं। जबकि, जम्मू के इलाके में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों की संख्या 34 बताई जा रही है। जम्मू और कश्मीर के इलाकों में इन सभी आतंकियों के बारे में जानकारी जुटाकर उनको ढेर करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।

जम्मू-कश्मीर संबंधी अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद वहां बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों और सेना के जवानों को तैनात किया गया था। जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी हुई थी। उस दौरान आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान भी छेड़ा गया था और तमाम दहशतगर्द ढेर किए गए थे। सुरक्षाबलों और सेना के शिकंजे की वजह से जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी बिल्कुल बंद हो चुकी है, लेकिन आतंकी एक बार फिर सिर उठाने की कोशिश कर रहे हैं। इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कई बार बैठक कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अगले साल के मध्य तक जम्मू-कश्मीर में बाकी बचे आतंकियों में से ज्यादातर का सफाया होगा और वहां एक बार फिर लोग डर के साए से निकल सकेंगे।