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किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी ‘AAP’, केजरीवाल का ऐलान 6 राज्यों में लड़ेंगे चुनाव

Delhi: इन सबके बीच आम आदमी पार्टी की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रपति के अभिभाषण का उसकी पार्टी बहिष्कार करेगी।

नई दिल्ली। देशभर में किसानों का आंदोलन 2 महीने से ज्यादा समय से जारी है। लेकिन अचानक इस आंदोलन में जिस तरह की अराजकता 26 जनवरी को हुई। जैसे प्रदर्शनकारी किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर उत्पात मचाया। तिरंगे का जिस तरह से अपमान लाल किले में किया गया। जिस वजह से दुनिया भर में देश की छवि को जितना नुकसान हुआ अब उसको लेकर पूरे देश में आक्रोश है। हालांकि किसानों के आंदोलन में शामिल उपद्रवियों और किसान नेताओं के खिलाफ भी लगातार एक्शन लिया जा रहा है। इन सबके बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अन्य दल के नेताओं की तरह ही इस मामले में सियासत करने के मूड में नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक दिल्ली में हो रही थी। जिसमें अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस पूरे मामले में केंद्र सरकार को दोषी ठहराने का प्रयास किया।

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इन सबके बीच आम आदमी पार्टी की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रपति के अभिभाषण का उसकी पार्टी बहिष्कार करेगी। मीडिया से बात करते हुए आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।


वहीं आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस हिंसा में जो भी नेता या पार्टी शामिल थी, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर अपना सियासी बयान देते हुए केजरीवाल ने कहा कि आज देश का किसान बहुत दुखी है। 70 साल से सभी राजनीतिक पार्टियों ने किसानों को धोखा दिया है। अब ये जो 3 बिल आए है, ये तीनों बिल किसानों से खेती छीन कर चंद पूंजीपतियों को सौंप देंगे। जबकि केंद्र सरकार के द्वारा इस मामले पर शुरू से ही साफ कर दिया गया है कि सरकार की मंशा किसानों के फायदे की है ना कि पूंजीपतियों का फायदा पहुंचाने की।

वहीं सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके असली गुनहगारों को सज़ा होनी चाहिए। फ़र्ज़ी केस पर केस नहीं होने चाहिए। किसानों के मुद्दे अभी खत्म नहीं हुए हैं, किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। हम सब को किसानों का साथ देना है।

इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने इस बात की घोषणा कर दी कि आम आदमी पार्टी अगले दो सालों में होने वाले छह राज्यों के विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ेगी पार्टी।