मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार पीएम नरेंद्र मोदी से पूछ रहे हैं कि आखिर अडानी ग्रुप के पास 20000 करोड़ रुपए कहां से आए हैं? राहुल ने आरोप लगाया कि शेल कंपनियों के जरिए ये रकम जुटाई गई है। राहुल के सवाल और उनके आरोप का जवाब अब खुद अडानी ग्रुप ने दिया है। अडानी ग्रुप ने सोमवार को कहा कि उसने साल 2019 से अब तक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 20000 करोड़ रुपए (2.87 अरब डॉलर) हासिल किए हैं। कंपनी ने ये भी बताया कि इस रकम में से 2.55 अरब डॉलर फिर से अडानी ने कारोबार में लगा दिया है।
अडानी ग्रुप ने राहुल गांधी के सवाल और आरोप का जवाब देते हुए बताया कि अबुधाबी में ग्लोबल स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट कंपनी और इंटरनेशनल होल्डिंग करने वाली पीजेएससी ने ग्रुप की कंपनियों में 2.59 अरब डॉलर का निवेश किया। ये निवेश अडानी एंटरप्राइजेस और अडानी एनर्जी में किया गया। अडानी ने बताया कि उसने इस दौरान अडानी टोटल गैस और एजीईएल में 2.78 अरब डॉलर लगाने के लिए हिस्सेदारी बेची। इससे मिली रकम को अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड और अडानी एंटरप्राइजेस में लगाया गया। अडानी ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन समूह की खबरों का भी खंडन किया कि उसके यहां शेल कंपनियों से निवेश हुआ है।
बता दें कि इसी रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी पर आरोप लगा रहे हैं। अडानी समूह की कई कंपनियों के शेयर सोमवार को उछले थे। इनमें अपर सर्किट भी लगा था। अडानी के बारे में शॉर्ट सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद ग्रुप की कंपनियों की पूंजी में काफी गिरावट आई थी। गौतम अडानी अमीरों की लिस्ट में 20वें स्थान से भी नीचे चले गए थे। राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार इसके बाद अडानी के मुद्दे पर पीएम मोदी को घेर रहे हैं और जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं।