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Atala Masjid: यूपी के जौनपुर स्थित अटाला मस्जिद को हिंदू मंदिर बताकर कोर्ट में वाद दाखिल, जानिए क्या किया गया है दावा

Atala Masjid: जौनपुर के सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट में वकील अजय प्रताप सिंह ने यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अटाला मस्जिद प्रबंधन कमेटी के खिलाफ वाद दाखिल किया है। वकील का कहना है कि अटाला माता मंदिर था। उन्होंने इसमें फूल और त्रिशूल वगैरा होने का दावा किया है।

जौनपुर। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह और धार स्थित भोजशाला के बाद अब यूपी के जौनपुर स्थित अटाला मस्जिद को लेकर विवाद पैदा हो गया है। जौनपुर स्थित अटाला मस्जिद को प्राचीन हिंदू मंदिर बताकर एक वकील ने दावा ठोका है। जौनपुर के कोर्ट में वकील ने दावा किया है कि यहां अटाला माता का मंदिर था। वकील का ये दावा भी है कि मस्जिद में त्रिशूल, फूल आदि धार्मिक चिन्ह हैं।

न्यूज 18 की खबर के मुताबिक जौनपुर कोर्ट में दाखिल वाद में हिंदू पक्ष ने अपने दावे के पक्ष में पुरातत्व विभाग के निदेशक की रिपोर्ट और कई किताबों का हवाला भी दिया है। जौनपुर के सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट में वकील अजय प्रताप सिंह ने यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अटाला मस्जिद प्रबंधन कमेटी के खिलाफ वाद दाखिल किया है। वकील का कहना है कि अटाला माता मंदिर था। ऐतिहासिक जानकारी के अनुसार इस मंदिर को राजा जयचंद्र राठौड़ ने बनवाया था। उनका कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पहले निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अटाला माता मंदिर तोड़ने का आदेश फिरोज शाह तुगलक ने दिया था। हिंदुओं ने विरोध किया, तो तोड़ नहीं सका। बाद में इब्राहिम शाह ने मंदिर को मस्जिद बना दिया। वकील अजय प्रताप सिंह के मुताबिक कलकत्ता स्कूल ऑफ आर्ट के प्रिंसिपल ईबी हेवेल ने भी अपनी किताब में अटाला मस्जिद की प्रकृति को हिंदू बताया है।

अजय प्रताप सिंह ने जौनपुर के कोर्ट में दाखिल वाद में कहा है कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की तमाम रिपोर्ट हैं। इन रिपोर्ट में अटाला मस्जिद की फोटो है। फोटो में त्रिशूल, फूल वगैरा दिखते हैं। उनका ये भी कहना है कि साल 1865 में एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल ने भी अटाला मस्जिद में कलश की आकृति होना बताया था। बता दें कि अटाला मस्जिद संरक्षित स्मारक है। हिंदू पहले भी कहते रहे हैं कि मंदिर को तोड़कर अटाला मस्जिद बनाई गई थी।