
पालपुर। आज पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और इस मौके पर देश के लिए भी आज का दिन काफी अहम है। भारत में आज से फिर चीते दिखने वाले हैं। 74 साल बाद चीतों की रफ्तार फिर देश में दिखेगी। सुदूर नामीबिया से 8 चीते लाए जा रहे हैं। इनको पीएम मोदी मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए बाड़ों में छोड़ने वाले हैं। साल 1948 तक देश में चीते थे। फिर एक राजा ने आखिरी बचे 3 चीतों का शिकार कर लिया। नतीजे में 1952 में इस शानदार जानवर को भारत की धरती से विलुप्त घोषित कर दिया गया।
साल 2002 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने एक बार फिर भारत में चीते लाने की कोशिश की। पहले ईरान से बातचीत की गई, लेकिन वहां की सरकार ने बताया कि उसके यहां तो 20 ही चीते बचे हैं। इसके बाद नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका की सरकार से बातचीत हुई और अब यहां चीते आ रहे हैं। नामीबिया से पहले 8 चीते आ रहे हैं। फिर दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए जाएंगे। कुल मिलाकर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से अगले 5 साल में 50 चीते लाए जाने की योजना है। आज जो चीते कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जा रहे हैं, उनमें 5 मादा और 3 नर हैं। इन सबकी उम्र साढ़े 4 से साढ़े 5 साल के बीच है।
#WATCH | First look of Cheetahs that will be brought from Namibia to India on 17th September at KUNO National Park, in Madhya Pradesh pic.twitter.com/HOjexYWtE6
— ANI (@ANI) September 16, 2022
भारत में एक दौर था, जब बड़े हिस्से में चीते मिलते थे। इतिहास की किताबों से पता चलता है कि मुगल बादशाह अकबर के दौर में देश में करीब 10000 चीते हुआ करते थे। खुद अकबर भी चीते पालता था। इन चीतों से मुगल बादशाह और जमींदार शिकार कराया करते थे। फिर अंग्रेजों के दौर में चीतों का शिकार होने लगा और पालूत बनाए जाने की वजह से भी इन शानदार जानवरों की प्रजनन क्षमता घटती गई। नतीजे में जंगल में चीते कम नजर आने लगे। आखिरी तीन चीतों का मध्यप्रदेश में शिकार कर लिया गया और आजादी के 5 साल होते-होते ये देश से विलुप्त हो गए। अब सरकार की योजना इन चीतों की संख्या बढ़ाने और देश के सभी नेशनल पार्क में फिर से बसाने की है। उम्मीद है कि जंगली जानवरों का ये सबसे तेज शिकारी एक बार फिर यहां फलेगा फूलेगा।