नई दिल्ली। भारत रत्न और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार फिर अस्पताल में भर्ती हैं। आडवाणी को इस बार अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अपोलो अस्पताल के जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट में लालकृष्ण आडवाणी भर्ती हैं। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। बीते दिनों ही लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराना पड़ा था। उनको एम्स के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया था। जिस जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट में लालकृष्ण आडवाणी को भर्ती कराया गया है, वहां बुजुर्गों की नर्सिंग देखभाल की जाती है। 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की देखभाल का काम जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट करता है। लालकृष्ण आडवाणी की उम्र 93 साल है। वो बीजेपी के सबसे उम्रदराज नेता हैं। हालांकि, अब सक्रिय राजनीति से बिल्कुल अलग ही रहते हैं।
लालकृष्ण आडवाणी की ही वजह से अयोध्या में बाबरी मस्जिद की विवादित जगह पर राम मंदिर बनाने का आंदोलन देश के करोड़ों लोगों के घर तक पहुंचा था। आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन ऐसा चलाया कि उससे राजनीति में बीजेपी को भी खूब फायदा हुआ और उसने देश में सरकार भी बनाई। जब वीपी सिंह सरकार ने मंडल आयोग लागू करने का फैसला किया, तो उसके तुरंत बाद 25 सितंबर 1990 को लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथयात्रा निकाली थी। आडवाणी जब राम रथयात्रा लेकर जा रहे थे, तब बिहार में जनता दल की सरकार थी और लालू यादव सीएम थे। आडवाणी को लालू सरकार ने समस्तीपुर में गिरफ्तार किया और फिर दुमका में नजरबंद रखा।
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 1927 में हुआ था। लालकृष्ण आडवाणी साल 1941 में महज 14 साल की उम्र में आरएसएस में शामिल हुए थे। फिर भारत के विभाजन के वक्त उनका परिवार पाकिस्तान के सिंध से यहां आ गया। साल 1951 में वो भारतीय जनसंघ के सदस्य और संसदीय मामलों के प्रभारी बने। साल 1965 में लालकृष्ण आडवाणी ने कमला आडवाणी से शादी की। उनके बेटे का नाम जयंत और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है। लालकृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे। एक दौर में फिल्म संबंधी पत्रकारिता करने वाले लालकृष्ण आडवाणी 1970 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। साल 1980 में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बीजेपी बनाई। इसके बाद सियासत में आडवाणी की पहचान तब बननी शुरू हुई, जब वो 1989 में पहली बार लोकसभा सांसद बने। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर लालकृष्ण आडवाणी 10 बार सांसद रहे। वो 1998 से 2004 तक देश के गृहमंत्री रहे। 2002 में अटल बिहारी सरकार में गृहमंत्री के अलावा उनको डिप्टी पीएम का ओहदा भी मिला था। लालकृष्ण आडवाणी को उस वक्त लौह पुरुष कहा जाता था।