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Politics Of Hate: चिढ़ इतनी कि PM मोदी का चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते अखिलेश यादव, खुद किया खुलासा

कोरोना वैक्सीन आने के बाद अखिलेश ने इसे बीजेपी की वैक्सीन बताया था और टीका नहीं लगवाया था। अखिलेश ने इस बारे में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के तंज का जवाब देते हुए कहा कि वो वैज्ञानिक नहीं हैं, लेकिन दुनिया में तमाम लोगों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है।

लखनऊ। कहते हैं कि सियासत में किसी से दुश्मनी इतनी नहीं की जाती कि आगे चलकर उसके साथ मिल न सकें, लेकिन यूपी की सियासत में एक ऐसे नेता भी हैं, जिनका बीजेपी से छत्तीस का आंकड़ा है। सिर्फ छत्तीस का आंकड़ा ही होता, तो अलग बात थी। इन नेता ने अब खुद खुलासा किया है कि वो पीएम नरेंद्र मोदी से कितने चिढ़ते हैं। हम बात अखिलेश यादव की कर रहे हैं। शुक्रवार को विधानसभा में अखिलेश यादव ने खुद इस राज से पर्दा उठाते हुए परोक्ष तौर पर बताया कि वो मोदी का चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए हो रही चर्चा के दौरान अखिलेश की मोदी से चिढ़ सामने आ गई।

akhilesh yadav and narendra modi 1

चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने बताया कि कोरोना की वैक्सीन उन्होंने इसलिए नहीं लगवाई थी, क्योंकि उसके सर्टिफिकेट में एक तस्वीर थी। अखिलेश का कहना था कि किसी और देश में कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर किसी की तस्वीर नहीं लगाई गई थी। इसी तस्वीर की वजह से उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। बता दें कि कोरोना वैक्सीन आने के बाद अखिलेश ने इसे बीजेपी की वैक्सीन बताया था और टीका नहीं लगवाया था। अखिलेश ने इस बारे में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के तंज का जवाब देते हुए कहा कि वो वैज्ञानिक नहीं हैं, लेकिन दुनिया में तमाम लोगों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है।

PM Modi Corona Vaccine

बता दें कि मौर्य ने कहा था कि अखिलेश न तो टीका (कोरोना) लगवाते हैं और न ही टीका (माथे पर) लगाते हैं। चर्चा के दौरान भी इस मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश के टीका विरोध पर पलटवार किया था। कोरोना का टीका आने के बाद अखिलेश ने इसे बीजेपी की वैक्सीन बताया था। उन्होंने कहा था कि सपा की सरकार आने पर सभी को मुफ्त टीका लगाया जाएगा। बीजेपी के अलावा कई और दलों के नेताओं ने अखिलेश को इसके लिए फटकार भी लगाई थी। बीजेपी अब भी आरोप लगाती है कि अखिलेश ने कोरोना टीका के खिलाफ दुष्प्रचार किया और इससे तमाम लोगों ने टीका नहीं लगवाया और काल के गाल में समा गए।