
नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर में एक प्रशासनिक आदेश के तहत कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों को अपना नाम और पहचान प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, जिससे काफी विवाद पैदा हो गया है। विपक्ष ने इस निर्देश को अत्याचारी करार देते हुए इसकी तुलना नाजी जर्मनी से की है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विपक्ष के दबाव में नहीं झुकेंगे। आदेश वापस लेने के बजाय, सीएम योगी ने एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि पूरे राज्य में कांवड़ मार्ग पर सभी खाद्य विक्रेताओं को अपने नाम की प्लेट लगानी होगी।
निर्णय के पीछे का कारण
यूपी सरकार ने अनिवार्य किया है कि सभी कांवड़ मार्गों पर दुकानदारों को अपने खाद्य स्टॉल के सामने अपना नाम और पहचान प्रदर्शित करनी होगी। इस कदम का उद्देश्य कांवड़ यात्रा की पवित्रता और शुद्धता को बनाए रखना है। इसके अतिरिक्त, यूपी सरकार ने चेतावनी दी है कि हलाल-प्रमाणित उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
नाम और पहचान प्रदर्शित करना जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों के लिए यह उपाय लागू किया है। निर्देश के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सभी कांवड़ मार्गों पर खाद्य विक्रेताओं को मालिक का नाम और पहचान प्रदर्शित करने वाली नेमप्लेट लगानी होगी। यह निर्णय कांवड़ यात्रियों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है।
22 जुलाई को कांवड़ यात्रा की शुरुआत
22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है, जिसके साथ कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो रही है। सरकार और प्रशासन तीर्थयात्रा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य तीर्थयात्रियों के बीच किसी भी तरह की उलझन को रोकना, आरोप-प्रत्यारोप से बचना और कानून-व्यवस्था को बनाए रखना है।