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Arshad Madani: जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के गजब बोल, औरत को बताया जरूरत की चीज, बोले- 50 में बूढ़ी हो जाती हैं

जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि औरत तो 50 साल में बूढ़ी हो जाती हैं। इस्लाम की व्याख्या करते हुए अरशद मदनी ने कहा कि हमारा मजहब कहता है कि अपनी जरूरतों को पूरा करो। यानी उन्होंने साफ तौर पर औरत को जरूरत पूरी करने वाली वस्तु करार दे दिया।

नई दिल्ली। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अजब-गजब बयान दिया है। उन्होंने औरतों को बच्चा पैदा करने वाला और 50 साल में बूढ़ा हो जाने वाला बताया है। एबीपी न्यूज से बातचीत में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मर्द 80 साल तक बूढ़ा नही होता और उसे जरूरत है, तो तीसरी और चौथी शादी का उसे हक है। मदनी ने कहा कि मान लीजिए कि किसी ने एक, दो और तीन शादी की, लेकिन उसे इन पत्नियों से बच्चा नहीं हुआ। फिर वो बच्चे की चाहत में एक और शादी करे या फिर बाकी बीवियों को तलाक दे।

maulana arshad madani

जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि औरत तो 50 साल में बूढ़ी हो जाती हैं। इस्लाम की व्याख्या करते हुए अरशद मदनी ने कहा कि हमारा मजहब कहता है कि अपनी जरूरतों को पूरा करो। यानी उन्होंने साफ तौर पर औरत को जरूरत पूरी करने वाली वस्तु करार दे दिया। इस्लाम में बेटियों को विरासत में आधी संपत्ति मिलने के बारे में अरशद मदनी का कहना था कि इसकी वजह ये है कि बेटों को अपने मां-बाप की देखभाल की जिम्मेदारी उठानी होती है। घर की बेटियों के लिए इस्लाम में ये फर्ज नहीं है। इसी वजह से उनको जायदाद में आधे का हक दिया गया है। सुनिए मौलाना अरशद मदनी ने क्या कहा।

बता दें कि विधि आयोग ने हाल ही में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए लोगों के विचार मांगे हैं। इस्लामी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। यूसीसी लागू होने पर सबके लिए शादी, तलाक, संपत्ति और गोद लेने की व्यवस्था एक जैसी हो जाएगी। इसी का विरोध इस्लामी संगठन कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा करके उनके पर्सनल लॉ में दखल देने की तैयारी की जा रही है। इस्लाम में शादी, तलाक, गोद लेने और जायदाद के बंटवारे संबंधी पर्सनल लॉ हैं।