नई दिल्ली। नूंह में बीते सोमवार को विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गई ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ पर शुरु हुआ बवाल थमने का नाम नहीं रहा है। खेड़ला मोड़ के पास इस यात्रा में शामिल लोगों को घेर कर एक खास समुदाय द्वारा पथराव किया गया। इस हिंसा के दौरान कई वाहनों की आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा की आग अब नूंह तक ही सीमित नहीं है। अब सोहना, गुरुग्राम, हरियाणा में भी इस हिंसा का असर देखने को मिल रहा है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर तो #HaryanaBurning ट्रेंड भी हो रहा है।
इस मामले पर बढ़ते बवाल के बीच इस घटना की षड्यंत्र रचने वाले षड्यंत्रकारियों की पहचान की जा रही है। 45 लोगों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज की जा चुकी है। नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल जिले में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए हरियाणा (Haryana) पुलिस की 30 और पैरामिलिट्री फोर्स की 20 कंपनियों की भी तैनाती की गई है। अब इस नूंह हिंसा के बाद उठे बवाल के बीच SDO आबिद हुसैन की खूब चर्चा हो रही है। न सिर्फ हिन्दू समुदाय बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी उनकी खुद सराहना कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों हो रही है उनकी इतनी तारीफ…
लगी थी यात्रा में आबिद की ड्यूटी
आबिद हुसैन तावडू के जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में एसडीओ पद पर तैनात मुस्लिम अधिकारी हैं। सोमवार को जब विश्व हिंदू परिषद द्वारा ब्रज मंडल यात्रा निकाली गई थी तो इसमें आबिद हुसैन की भी ड्यूटी लगाई गई थी। हालांकि जब ये यात्रा हिंसा का केंद्र बन गई और 50 के करीब हिंदू समुदाय के लोग पथराव के बीच फंस गए तो आबिद हुसैन उन दंगाईयों के सामने ढाल की तरह खड़े हो गए।
आबिद हुसैन तब तक उन फंसे हुए पचास लोगों की जान बचाने के वहां खड़े रहे जब तक की अतिरिक्त पुलिस बल नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं आबिद हुसैन ने दंगाइयों की पहचान में भी मदद कराई। अब इसी सराहनीय काम के लिए आबिद हुसैन की हिन्दू-मुस्लिम सभी तारीफ कर रहे हैं।