
नई दिल्ली। आज संसद के मानसून सत्र का आखिरी दिन है। पिछले तीन दिनों तक लगातार विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जो कि संख्याबल के अभाव से गिर गया, जिस पर प्रधानमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि अब विपक्ष साल 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी करेगा। ध्यान दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री ने 2018 में भी कहा था कि विपक्ष 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा, जो कि सच साबित हुई। वहीं, आज संसद का आखिरी संत्र है, तो पूरे देश की निगाहें लोकतंत्र के मंदिर की ओर से टिकी हुई। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में तीन बड़े ऐलान किए। दरअसल, उन्होंने अंग्रेजों के जमाने के तीन कानून को खत्म करने का ऐलान किया है। अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों की जगह नए कानून बनेंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने मॉब लिंचिंग के आरोपी को मौत की सजा देने के बाबत कानून बनाने का भी ऐलान किया है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
जानें पूरा माजरा
अमित शाह ने इंडियन पीनल कोड कानून खत्म करने का ऐलान किया है। अब इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा। शाह ने कहा कि नए कानून में हमारा लक्ष्य सजा दिलाना नहीं, बल्कि न्याय दिलाना होगा। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से गुलामी की निशानियों को खत्म करने का ऐलान किया था। इन गुलामी की निशानियों में से एक अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून भी हैं, जो कि अब हमने खत्म करने का फैसला किया है। शाह ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री के उक्त सपने को पूरा करने के लिए मैं तीन विधेयक भी लेकर आया हूं।
केंद्रीय गृहमंत्री श्री @AmitShah ने बताया कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों में क्या-क्या बदलाव होंगे। pic.twitter.com/JP1MexFIXj
— BJP (@BJP4India) August 11, 2023
वहीं, शाह ने क्रिमिनल प्रोसीजर कोड को भी बदलने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अब इस कानून की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 लाने का ऐलान किया है। इस कानून के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश में रहने वाले हर नागरिकों के लिए एक समान कानून हो और कानून के जरिए उन्हें न्याय प्राप्त हो सकें। इसके अलावा अगर तीसरे कानून की बात करें, जिसे सरकार ने बदलने का ऐलान किया है, तो वो है इंडियन एविडेंट एक्ट। अब इस कानून की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम बनेगा। इस कानून के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी मामले में आरोपी के विरुद्ध प्राप्त हुए साक्ष्य के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, तो इस तरह से सरकार ने इन तीनों कानूनों को बदलने का ऐलान किया है। इस संदर्भ में सरकार बिल भी लेकर आई है।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on Bharatiya Nyaya Sanhita Bill, 2023; The Bharatiya Sakshya Bill, 2023 and The Bharatiya Nagrik Suraksha Sanhita Bill in Lok Sabha.
He says, “From 1860 to 2023, the country’s criminal justice system functioned as per the laws made… pic.twitter.com/TIcoeaXvjG
— ANI (@ANI) August 11, 2023
क्या है बिल की खास बातें
वहीं, अगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लाए गए बिल की बात करें, तो उसमें कुल 113 परिवर्तन किए गए हैं। बिल के मुताबिक, आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा जिन मामले में सात साल की सजा का प्रावधान है, उनमें आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने की जिम्मेदारी अब फॉरेंसिक टीम करेगी। इसके अलावा शाह ने राजद्रोह कानून को बदलने का भी ऐलान किया है।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah says, “…Under this Bill, we have set the goal that the conviction ratio has to be taken above 90%. That is why, we have brought an important provision that the Sections which provide for 7 years or a greater jail term, under all those… pic.twitter.com/Ap0eSzdCsG
— ANI (@ANI) August 11, 2023
बता दें कि वर्तमान में राजद्रोह कानून के मुताबिक, आरोपी आजीवन कारावास से लेकर तीन साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन अब नए प्रावधान में आरोपी को 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 2027 से पहले देश के सभी पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटराइज किया जाएगा।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah says, “…Under this law, we are repealing laws like Sedition…,” as he speaks on Bharatiya Nyaya Sanhita Bill, 2023; The Bharatiya Sakshya Bill, 2023 and The Bharatiya Nagrik Suraksha Sanhita Bill in Lok Sabha. pic.twitter.com/CHlz0VOf7Z
— ANI (@ANI) August 11, 2023
बता दें कि वर्तमान में राजद्रोह कानून के मुताबिक, आरोपी आजीवन कारावास से लेकर तीन साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन अब नए प्रावधान में आरोपी को 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 2027 से पहले देश के सभी पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटराइज किया जाएगा।बता दें कि वर्तमान में राजद्रोह कानून के मुताबिक, आरोपी आजीवन कारावास से लेकर तीन साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन अब नए प्रावधान में आरोपी को 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 2027 से पहले देश के सभी पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटराइज किया जाएगा।