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Amit Shah in Parliament: ‘हम चाहते हैं सच्चाई देश के सामने आए, लेकिन विपक्ष…’, मणिपुर वायरल वीडियो पर अमित शाह का बड़ा बयान

आरोप है कि महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। ध्यान दें कि इस घटना के बाद देशभर में आरोपियों के खिलाफ आक्रोश है। अब आगामी दिनों में आरोपियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई होती है।

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष का हंगामा बदस्तूर जारी है। विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी का बयान चाहता है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने गत दिनों मानसून सत्र में शामिल होने से पूर्व मणिपुर वायरल वीडियो मामले पर दुख व्यक्त किया था और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। अब तक इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें से चार को 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार केंद्र के खिलाफ आक्रमक है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा है, जिस पर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान सामने आया है। आइए, आगे जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।

amit shah

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, ‘मैं इस पर सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं. मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें. यह जरूरी है कि देश को इस संवेदनशील मामले पर सच्चाई पता चले, लेकिन मेरी विपक्ष से अपील है कि वो इस सदन में शांति बनाए रखे। किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए शांति जरूरी है। सनद रहे कि मणिपुर वायरल वीडियो मामले को लेकर विपक्ष केंद्र पर हमलावर है। इसी बीच अमित शाह का बड़ा बयान सामने आया है। ध्यान दें कि बीते दिनों हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर से वीडियो सामने आया था, जिसमें पुरुषों की जमात दो महिलाओं से नग्न परेड कराती हुई नजर आ रही थी। आरोप है कि महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। ध्यान दें कि इस घटना के बाद देशभर में आरोपियों के खिलाफ आक्रोश है। अब आगामी दिनों में आरोपियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई होती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि मणिपुर पिछले दो माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है।

बता दें कि मैतई और कुकी समुदाय के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। मैतई समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है, जिसका कुकी समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है, लेकिन अब यह विरोध जिस तरह से हिंसा का रूख अख्तियार कर चुकी है, उसका खामियाजा प्रदेशवासियों को भुगतना पड़ रहा है। बहरहाल, अब मणिपुर की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।