
नई दिल्ली। चीन लगातार एलएसी पर सेना का जमावड़ा बढ़ा रहा है। इस वजह से भारतीय सेना भी पूरी तैयारी कर रही है। साल 2020 से चीन के साथ भारत का तनाव चरम पर है। पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारतीय और चीन की सेना का संघर्ष हुआ था। इसमें कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हुए थे। जबकि, चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया गया था। पिछले साल के अंत में अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भी घुसपैठ करने वाले चीन के सैनिकों को भारतीय सेना के जवानों ने मार भगाया था। चीन की तरफ से इसी तरह के दुस्साहस को देखते हुए भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के इलाकों का खुद दौरा किया है।
जनरल मनोज पांडेय ने एलएसी के अग्रिम इलाकों का दौरा वहां के स्थानीय कमांडरों के साथ किया। उन्होंने वहां तैनात जवानों से भी बात की और उनका हौसला बढ़ाया। जनरल पांडेय ने जवानों और कमांडरों से हर तरह की सतर्कता बरतने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि उसी जोश को बरकरार रखना है। ताकि दुश्मन की तरफ से किसी भी हरकत का मुंहतोड़ और सटीक जवाब दिया जा सके। यहां कमांडरों और भारतीय सेना के जवानों ने जनरल मनोज पांडेय को बताया कि वे हर हालात का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि बीते दिनों सेना दिवस के मौके पर जनरल पांडेय ने कहा था कि चीन के साथ एलएसी पर हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन परिस्थिति कभी भी बदल सकती है।
इस बीच, भारतीय वायुसेना भी एक बार फिर चीन से लगे इलाकों में बड़ा युद्धाभ्यास करने वाली है। 1 से 5 फरवरी तक पूरे पूर्वोत्तर में वायुसेना का ये युद्धाभ्यास प्रलय नाम से होने वाला है। वायुसेना ने इससे पहले पूर्वोत्तर में ही पिछले साल दिसंबर में 2 दिन का युद्धाभ्यास किया था। इस बार युद्धाभ्यास में एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 को तैनात करने के लिए भी तैयारी की गई है। कुल मिलाकर भारत की सेना चीन की हर हिमाकत का करारा जवाब देने के लिए तैयार है।