अयोध्या। 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। इसके लिए अब महज 7 दिन ही शेष रह गए है। ऐसे में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किसी तरह की कमी ना रह जाए। इसको लेकर जोर-शोर तैयारियां भी चल रही है। इसी बीच आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मीडिया मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा पेश की। इसके साथ ही चंपत राय ने इस बात का खुलासा कर दिया है कि कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई हुई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का चयन भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित होने हेतु किया गया है।
The Murti sculpted on Krishna Shila, by renowned sculptor Shri Arun Yogiraj, has been selected as Shri…
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 15, 2024
प्रतिमा बनाते वक्त फोन को हाथ तक नहीं लगाया, बच्चों से भी नहीं की बात
श्रीरामलला की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार ने प्रतिमा बनाने के दौरान कार्य में खलल न पड़े, इसके लिए महीनों अपने परिजनों से बातचीत तक नहीं की। यहां तक की बच्चों की सूरत भी नहीं देखी। उनकी एकाग्रता की मिसाल सोमवार को चंपत राय ने सभी के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि प्रतिमा का निर्माण करने वाले मैसूर के निवासी अरुण योगीराज ने मूर्ति निर्माण कार्य के दौरान जिस तरह से जीवन व्यतीत किया है शायद आप सोच भी नहीं सकते। कार्य के दौरान महीनों तक फोन को हाथ तक नहीं लगाया। अपने बच्चों और परिजनों तक से बात नहीं की।
उन्होंने बताया कि अरुण योगीराज अनेक पीढ़ियों से मूर्ति निर्माण के कार्य से जुड़े हैं। उनके पूर्वज भी यही काम करते आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा उन्होंने ही बनाई है। दिल्ली में इंडिया गेट के नीचे सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है। श्रीरामलला की मूर्ति चयन की प्रक्रिया में उन्हीं की मूर्ति का चयन किया गया। सभी ट्रस्टीज ने उनकी मूर्ति की प्रशंसा की है।
चंपत राय ने दी श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां
22 जनवरी को अयोध्या धाम में अपने नव्य भव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी, जबकि जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है उसे 18 जनवरी को गर्भ गृह में अपने आसन पर खड़ा कर दिया जाएगा। 22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी अभिजित मुहुर्त में दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में यह बातें सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताईं। उन्होंने ये भी बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर गर्भ गृह में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल,रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सभी ट्रस्टीज उपस्थित रहेंगे।
16 जनवरी से शुरू होगी पूजन विधि
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए चंपत राय ने बताया कि कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रारंभ होगी। प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त वाराणसी के पुजारी श्रद्धेय गणेश्वर शास्त्री ने निर्धारित किया है। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कर्मकांड की संपूर्ण विधि वाराणसी के ही लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चलेगी। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम आवश्यक गतिविधियां आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठ होनी है वो पत्थर की है। उसका वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच होगा। यह 5 वर्ष के बालक का स्वरूप है, जो खड़ी प्रतिमा के रूप में स्थापित की जानी है।