नई दिल्ली। भारत और चीन (China) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर जिस तरीके से पिछले कुछ महीनों में तनाव बना रहा, उस माहौल में भारतीय सेना ने गजब का साहस दिखाया। ऐसे में अब आखिरकार भारत और चीन के बीच हुई बैठकों के दौर में फैसला हुआ कि, दोनों देशों की सेनाएं वापस पीछे हटेगी। चीनी सेना का पीछे हटना, अपने आप में जाहिर करता है कि, भारन चीन के अड़ियल रवैये के आगे हार नहीं मानी और चीन को हर मोर्चे पर सख्त जवाब देता रहा। भारत की इस प्रतिक्रिया को देखते हुए अब पड़ोसी देश पाकिस्तान के भी पसीने छूट रहे हैं। बता दें कि पाकिस्तान को अब आभास हो गया है कि उसके दोस्त चीन को भी भारत के हौसलों के आगे झुकना पड़ा है, ऐसे में अब वो भी भारत से दोस्ती के बहाने खोज रहा है।
बता दें कि चीन के पीछे हटने से पाकिस्तान (Pakistan) को भी घबराहट होने लगी है। ऐसे में पाक ने अब अमेरिका (America) से गुहार लगाई है कि वह भारत के साथ उसके संबंधों को सामान्य करवाने में अहम भूमिका निभाए। पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान (Asad Majeed Khan) ने अमेरिका में कहा कि हमारा देश चाहता है कि भारत उसके साथ शांति बहाली के लिए बातचीत करे, लेकिन इसके लिए अमेरिका को मदद करनी होगी।
असद ने एक थिंक टैंक (Think Tank) के कार्यक्रम में बोलते हुए ने कहा कि हम शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस तरह का माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत (India) को भी उठानी होगी। बता दें कि पिछले कुछ वक्त में ही पाकिस्तान की तरफ से बार-बार भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की गई है। ऐसा मालूम पड़ता है कि पाकिस्तान भारत से हालात सुधारने के लिए बेताब है।
प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) खुले तौर पर बातचीत की अपील कर चुके हैं। हालांकि, भारत की तरफ से साफ कर दिया गया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकतीं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वॉशिंगटन के स्टिमसन सेंटर में भाषण देते हुए मजीद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बहाली के लिए अमेरिका बातचीत शुरू कराए। इससे एशिया में हालात शांति की तरफ बढ़ेंगे। तनाव कम होगा।
उन्होंने कहा कि, बातचीत के लिए वातावरण तैयार करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की भी है।’ फिलहाल मजीद के इस बयान पर अब तक भारत सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अपने भाषण में मजीद ने अफगानिस्तान का भी जिक्र किया। उन्होंने बाइडेन प्रशासन को सलाह देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए यह जरूरी है कि यूएस को तालिबान से भी बातचीत करनी चाहिए। हम अपनी तरफ से वहां शांति के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।