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Bangladesh Send Note Verbale For Extradition Of Sheikh Hasina : शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश सरकार ने भारत को लिखा पत्र

Bangladesh Send Note Verbale For Extradition Of Sheikh Hasina : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया कि इस संबंध में भारत को एक नोट वर्बल (राजनयिक संदेश) भेजा गया है।

नई दिल्ली। बांग्लादेश की अतंरिम सरकार की ओर से उनके देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत से मांग की गई है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया कि इस संबंध में भारत को एक नोट वर्बल (राजनयिक संदेश) भेजा गया है। इस पत्र में भारत से मांग की गई है कि शेख हसीना को बांग्लादेश के सुपुर्द किया जाए। बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना ने अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ दिया था और 5 अगस्त को भारत आकर शरण ले ली थी। तब से शेख हसीना भारत में ही हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2013 में एक प्रत्यर्पण संधि हुई थी। इस संधि के तहत भगोड़े आरोपियों और बंदियों को एक-दूसरे को सौंपने पर दोनों देशों ने सहमति जताई थी। बांग्लादेश सरकार ने इसी प्रत्यर्पण संधि का हवाला देते हुए शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। हालांकि इस प्रत्यर्पण संधि में एक बात यह भी थी कि प्रत्यर्पित किए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ अगर राजनीतिक आरोप हों तो प्रत्यर्पण के अनुरोध को खारिज किया जा सकता है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और उनकी सरकार के कई मंत्रियों, सलाहकार के खिलाफ पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है।

आपको बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही अल्पसंख्यक हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। आए दिन कहीं न कहीं हिंदू मंदिर में तोड़ फोड़ की घटना आम हो गई है। बांग्लादेश सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने इस घटनाओं पर आंखें मूंद रखी हैं। इतना ही नहीं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि भारतीय मीडिया हिंदुओं पर हमलों की खबरों को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है। हाल ही में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश का दौरा किया था। इस दौरान मोहम्मद यूनुस के समक्ष उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। बांग्लादेश ने उनको इस संबंध में पूरा आश्वासन भी दिया था मगर इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।