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PFI Conspiracy: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए प्रतिबंधित पीएफआई ने रची थी बड़ी साजिश, हिंसा का खेल खेलने की थी तैयारी!

पीएफआई के खिलाफ पहले ही गजवा-ए-हिंद के आरोप लग चुके हैं। बिहार शरीफ में पीएफआई के दो सदस्य 2022 में गिरफ्तार किए गए थे। इनके पास से इस्लामी संगठन का एक 8 पन्ने का दस्तावेज मिला था। इस दस्तावेज से भारत के खिलाफ पीएफआई की साजिश का खुलासा हुआ था। उसके बाद केंद्र ने संगठन पर बैन लगाया था।

नई दिल्ली। प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने बैन लगने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में माहौल बिगाड़ने की साजिश रची थी। यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े पीएफआई के 2 कारकून परवेज और रईस ने पूछताछ में ये खुलासा किया है। एक न्यूज चैनल के मुताबिक पूछताछ में परवेज और रईस ने बताया कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में माहौल बिगाड़ने और दंगे-फसाद कराने की योजना पर कट्टरपंथी संगठन के सदस्य काम कर रहे थे। इसके लिए गुपचुप तौर पर एक दफ्तर भी खोला गया था। जहां बैठकर पीएफआई के सदस्य रणनीति बनाते थे।

पीएफआई के खिलाफ पहले ही गजवा-ए-हिंद के आरोप लग चुके हैं। बिहार शरीफ में पीएफआई के दो सदस्य 2022 में गिरफ्तार किए गए थे। इनके पास से इस्लामी संगठन का एक 8 पन्ने का दस्तावेज मिला था। इस दस्तावेज से भारत के खिलाफ पीएफआई की साजिश का खुलासा हुआ था। पीएफआई के इस दस्तावेज से पता चला था कि कट्टरपंथी संगठन का इरादा साल 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना है। इसके लिए पीएफआई जगह-जगह अपने सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग भी दे रहा था। संगठन का इरादा हिंसा फैलाकर और फिर चुनावों के जरिए संसद वगैरा तक अपनी पैठ बनाना था। जिसके बाद न्यायपालिका और अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर भी पीएफआई कब्जा करना चाहता था।

pfi arrest

इस दस्तावेज में पीएफआई की साजिश का खुलासा होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लगातार ताबड़तोड़ छापे मारकर संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की धरपकड़ की थी। एनआईए की छापेमारी के बाद एनआईए पर केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया था। इसके बाद इस्लामी संगठन के बारे में ये खुलासा भी हुआ था कि सीएए विरोधी आंदोलन में भी उसका बड़ा हाथ था। सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में भी पीएफआई का हाथ सामने आया था।