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PM मोदी पर डॉक्यूमेंट्री बनाकर घिरा BBC, चौतरफा हुई निंदा, ब्रिटिश सांसद की खरी-खरी; YouTube ने भी हटाया वीडियो

सोशल मीडिया पर लोगों ने बीबीसी से 1943 के बंगाल अकाल पर भी डॉक्यूमेंट्री तैयार करने का भी आग्रह किया है। यह ध्यान दिया जा सकता है कि अकाल संकट के दौरान, यूके के पीएम ने भारत से भोजन को ब्रिटेन और यूरोप में अपने भंडार में बदल दिया और इस प्रकार भारतीयों को कुपोषण और भुखमरी से मरने के लिए छोड़ दिया।

नई दिल्ली। पत्रकारिता के क्षेत्र में परिस्थितियां हमेशा से ही प्रतिकूल रही हैं। जहां एक तरफ विदेशी मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकारात्मक छवि गढ़ने का आरोप लगता रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय मीडिया (स्वदेशी मीडिया) पर मोदी का महिमामंडन करने का आरोप लगता रहा है। अब दोनों में से किन्हें सार्थक, विश्वनीय और विचारणीय माना जाए, यह विवेचना का विषय है, लेकिन पिछले दिनों ‘द ब्रिटिश बॉडकॉस्टिंग कॉरपोरेशन’ पीएम मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर आलोचनाओं में घिर गया है। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर वो कौन-सी डॉक्यूमेंट्री थी। जिसे लेकर बीबीसी को ना महज आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा, बल्कि भारतीय विदेश मंत्रालय की भी फटकार खानी पड़ी। आइए, विस्तार से जानते हैं।

pm modi

दरअसल, बीबीसी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन पर आधारित ‘द मोदी क्वेश्चन (The Modi Question) नामक’ एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। जिसमें प्रधानमंत्री के राजनीतिक जीवन से जुड़े चर्चित प्रसंगों को फिल्माया गया था। इस डॉक्यूमेंट्री में विशेष रूप से गुजरात दंगों से जुड़े प्रसंगों को भी फिल्माया गया था, जिसे लेकर वर्तमान में बीबीसी आलोचनाओं में घिरा हुआ है। बता दें कि इस डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक के कार्यकाल को फिल्माया गया। डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के दौरान एक हजार से भी अधिक मुस्लिमों के नरसंहार को दर्शाया गया है।

डॉक्यूमेंट्री देखने के बाद प्रतीत होता है कि बीबीसी का प्रमुख ध्येय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकारात्मक छवि  गढकर विश्व बिरादरी के समक्ष पेश करना है। विदित हो कि गुजरात दंगे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्लीनचिट दिए जाने के बावजूद बीबीसी द्वारा तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी को कथित तौर पर एक खलनायक के रूप में पेश किया गया। ऐसा करके विश्व पटल पर मौजूदा एक तबके को आक्रोशित करने का प्रयास किया गया है। बीबीसी द्वारा तैयार की गई इस एकतरफा डॉक्यूमेंट्री पर ना महज भारत, बल्कि ब्रिटेन की तरफ से भी आक्रोशित प्रतिक्रिया सामने आई है। बता दें कि ब्रिटेन के सांसद लॉर्ड रामी रेंजर सहित अन्य ने उक्त डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की है। भारतीय मूल के लोगों ने बीबीसी द्वारा तैयार की गई इस डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत और प्रोपेगेंडा बताया है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी बीबीसी द्वारा तैयार की गई इस डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की है। मंत्रालय ने उक्त डॉक्यूमेंट्री पर कहा कि, ‘हमें लगता है कि यह डॉक्यूमेंट्री एक पोपोगेंडा के तहत तैयार की गई है। पूर्वाग्रह और निष्पक्षता की कमी और स्पष्ट रूप से जारी औपनिवेशिक मानसिकता देर से दिखाई दे रही है।

ब्रिटिश सांसद ने भी की आलोचना

बता दें कि बीबीसी द्वारा तैयार की गई इस डॉक्यूमेंट्री की ब्रिटिश सांसद रामी रेंजर ने भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पीएम और भारी जनसमर्थन वाले व्यक्ति को बदनाम करने की सोची-समझी कोशिश थी।

इसके अलावा न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी उक्त डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की है। एएनआई के स्थांपक ने आगे कहा कि वैसे तो बीबीसी खुद को एक स्वतंत्र न्यूज संस्थान होना का दावा करता है, लेकिन उसकी शैलियों और कृत्यों को देखकर मालूम पड़ता है कि उसे किसी के द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर भी भड़का लोगों का गुस्सा

वहीं, लोगों को आक्रोश के मद्देनजर इस डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। कुछ लोगों ने इसे ब्रिटेन द्वारा किया गया निंदनीय प्रयास बताया तो किसी ने यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि बीबीसी द्वारा तैयार की गई यह डॉक्टूमेंट्री  भारत के प्रति ब्रिटेन को औपनिवैश्विक मानसिकता को प्रदर्शित करती है। उधर, सोशल मीडिया पर लोगों ने बीबीसी से 1943 के बंगाल अकाल पर डॉक्यूमेंट्री तैयार करने का आग्रह किया है। आक्रोशित लोगों ने कहा कि यह ध्यान दिया जा सकता है कि अकाल संकट के दौरान, यूके के पीएम ने भारत से भोजन को ब्रिटेन और यूरोप में अपने भंडार में बदल दिया और इस प्रकार भारतीयों को कुपोषण और भुखमरी से मरने के लिए छोड़ दिया। इस बीच सोशल मीडिया पर लोगों ने बीबीसी से भविष्य से संदर्भित समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए डॉक्यूमेंट्री तैयार करने की भी अपील की है।

बता दें कि बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री के संदर्भ में बयान जारी कर कहा कि,’ सीरीज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के बारे में विस्तार से बताया गया है कि कैसे मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि, राजनीतिक विवाद सहित अन्य मुद्दों को लेकर सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी नजर आ रही है। आगे कहा गया है कि पीएम मोदी ने कैसे मुस्लिमों को उपेक्षित करने हेतु जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया। इसके अलावा कैसे मुस्लिमों को उपेक्षित करने के हेतु सीएए को लागू कराया। विदित हो कि विगत दिनों सीएए के विरोध में समस्त देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचकों ने लोगों से डॉक्यूमेंट्री को देखने की अपील की है। हालांकि, अब सोशल मीडिया पर लोगों के आक्रोश को ध्यान में रखते हुए उक्त डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब से हटा लिया गया है, लेकिन इस पूरे मसले को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।