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Jharkhand: ईडी की पूछताछ से पहले ताकत दिखाने की तैयारी में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, विधायकों और कार्यकर्ताओं का करा रहे रांची में जमावड़ा

झारखंड में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। वजह सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से पूछताछ का बुलावा है। सोरेन से अवैध खनन और भाई के दोस्तों की फर्जी कंपनियों में कथित निवेश के मामले में कल यानी 17 नवंबर को ईडी पूछताछ करने वाली है। इसे हेमंत सोरेन एक बार फिर विपक्षी बीजेपी के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर इस्तेमाल करने जा रहे हैं।

रांची। झारखंड में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। वजह सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से पूछताछ का बुलावा है। सोरेन से अवैध खनन और भाई के दोस्तों की फर्जी कंपनियों में कथित निवेश के मामले में कल यानी 17 नवंबर को ईडी पूछताछ करने वाली है। इसे हेमंत सोरेन एक बार फिर विपक्षी बीजेपी के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर इस्तेमाल करने जा रहे हैं। सोरेन मंगलवार शाम को झारखंड स्थापना दिवस के कार्यक्रम से सीएम आवास लौटे। जिसके बाद उन्होंने अपनी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायकों को बुलाया। सभी विधायक सीएम आवास गए। जहां उनकी बैठक हुई। बैठक के बाद हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री जगरनाथ महतो ने दावा किया कि बीजेपी की ऑपरेशन लोटस की मंशा झारखंड में नाकाम रहेगी।

jmm meeting

झामुमो सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ने अपनी पार्टी और सहयोगी दल कांग्रेस के सभी विधायकों को रांची में ही रहने के लिए कहा है। आज दोपहर उन्होंने झामुमो विधायकों की बैठक बुलाई है। जबकि, कांग्रेस के विधायक शाम को मीटिंग करेंगे। कांग्रेस की मीटिंग खत्म होने के बाद पार्टी के सभी विधायक हेमंत सोरेन के सरकारी आवास जाएंगे। वहीं, आज से झामुमो के कार्यकर्ता भी रांची में जुटने लगे हैं। माना जा रहा है कि वे कल सोरेन के साथ भीड़ की शक्ल में ईडी के दफ्तर जाएंगे। कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन से मुलाकात की भी इच्छा जताई है।

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बता दें कि हेमंत सोरेन पिछले कई महीने से आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराना चाहती है। एक बार उन्होंने अपने सभी विधायक कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ भी भेज दिए थे। वहां कई दिन एक रिसॉर्ट में बिताने के बाद झामुमो के विधायक वापस रांची लौट आए थे। उसके बाद खबर आई थी कि अवैध तरीके से खनन पट्टा मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को पद से हटाने का फैसला लेते हुए राज्यपाल को चिट्ठी भेजी है। हालांकि, अब तक उस मामले में कोई खुलासा नहीं हुआ है। हेमंत सोरेन कई बार राज्यपाल से इस बारे में पूछ भी चुके हैं।