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Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद एनसीपी में शामिल, अणुशक्तिनगर सीट पर सना मलिक से करेंगे मुकाबला

Maharashtra Assembly Elections: अणुशक्तिनगर सीट पर इस बार की लड़ाई इसलिए दिलचस्प हो गई है, क्योंकि नवाब मलिक, जो अभी जेल से जमानत पर बाहर हैं, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते अजित पवार गुट ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया। हालांकि मलिक ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी सीट से 29 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता और अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद ने शरद पवार नीत एनसीपी (एससीपी) का दामन थाम लिया है। एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बताया कि फहाद अहमद को मुंबई की अणुशक्तिनगर सीट से चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। इस सीट पर उनका मुकाबला अजित पवार की एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की बेटी सना मलिक से होगा।

फहाद अहमद ने एनसीपी में शामिल होने के बाद बयान में कहा, “एनसीपी की विचारधारा समाजवादी पार्टी से मेल खाती है। मैं शरद पवार साहब का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अखिलेश यादव से अनुमति लेकर मुझे एनसीपी का टिकट दिया है।” फहाद अहमद ने 2022 में समाजवादी पार्टी में प्रवेश किया था और सपा यूथ विंग के अध्यक्ष के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। वे छात्र संगठनों में भी सक्रिय रहे हैं और पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति तथा जनजाति के छात्रों के हक की लड़ाई में अपनी भागीदारी दिखाई है।


अणुशक्तिनगर सीट पर इस बार की लड़ाई इसलिए दिलचस्प हो गई है, क्योंकि नवाब मलिक, जो अभी जेल से जमानत पर बाहर हैं, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते अजित पवार गुट ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया। हालांकि मलिक ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी सीट से 29 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे।


समाजवादी पार्टी के सूत्रों के अनुसार, सपा पहले अणुशक्तिनगर से अपनी दावेदारी जताना चाहती थी, लेकिन महाविकास अघाड़ी के अंतर्गत सीट बंटवारे में यह सीट एनसीपी के हिस्से में गई। एनसीपी की ओर से जयंत पाटिल ने बताया, “फहाद अहमद एक सुशिक्षित और अनुभवी युवा नेता हैं। उन्होंने देशभर में कार्यकर्ताओं के रूप में कार्य किया है, और हमारे विचार से वह अणुशक्तिनगर के उपयुक्त उम्मीदवार हैं।” यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी और 2009 में नवाब मलिक पहली बार यहां से विधायक चुने गए। 2014 में शिवसेना के तुकाराम काटे ने मलिक को हराया था, लेकिन 2019 में मलिक ने फिर जीत दर्ज की। इस बार का चुनाव दोनों ही एनसीपी धड़ों के लिए एक शक्ति परीक्षण साबित हो सकता है।