नई दिल्ली। सोचकर ही हैरानी होती है कि पंजाब और पंजाबियत को सेतु बनाकर पंजाब में अपनी सल्तनत स्थापित करने वाली आम आदमी पार्टी से भला ऐसी क्या चूक हो गई कि उसे अब लोगों के कहर का शिकार होना पड़ रहा है। आखिर ऐसा क्या हो गया कि अब पंजाब को लेकर आम आदमी पार्टी के रूख पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि पंजाब को लेकर ‘आप’ का पंजाबियत भरा रूख महज सियासी हित साधने के लिए था। पार्टी का न पंजाब से कोई सरोकार है और न ही पंजाबियत से। आइए, हम आपको इस रिपोर्ट में सब कुछ पूरे तफसील से बताए चलते हैं।
तो ये पूरा माजरा
तो माजरा यह है कि अभी आम आदमी पार्टी ने पंजाब से राज्यसभा भेजने के लिए पांच नेताओं के नाम पर मुहर पर लगाई है। जिसे लेकर अब विवाद का सिलसिला शुरू हो चुका है। बता दें कि उक्त नामों पर आपत्ति जताते हुए पंथक चेतना लहर प्रमुख पुरुषोत्तम सिंह फागुवाला ने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के बाहर आंदोलन पर बैठ गए हैं। वे पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ आम आदमी पार्टी के उक्त फैसले की आलोचना और मुखालफत कर रहे हैं। राज्यसभा के लिए चयनित नेताओं के नामों पर एतराज जताते हुए फागुवाला ने कहा कि जिन नामों को राज्यसभा में भेजे का फैसला किया गया है, उनका पंजाब और पंजाबियत से कोई सरोकार नहीं है। पार्टी ने पंजाब से ताल्लुक रखने वाले किस भी नेता को राज्यसभा भेजने का फैसला नहीं किया है, जिससे यह जाहिर होता है कि पार्टी का पंजाब को लेकर रूख महज सियासी हित को साधने के ध्येय से था। उन्होंने कहा कि वे पंजाब के लोगों को जगाना चाहते हैं, ताकि उन्हें पता लग सकें कि आम आदमी पार्टी पंजाबियों के साथ छलावा कर रही है, बल्कि ‘आप’ का पंजाब के विकास से कोई सोरोकार नहीं है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए जिन नेताओं के नाम पर मुहर लगाई है, उनमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी हरभजन सिंह, आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा, अशोक मित्तल, प्रोफेसर संदीप पाठक और व्यापारी संजीव अरोड़ा का नाम शामिल है। वहीं, विगत दिनों पंजाब विधानसभा चुनाव में जिस तरह पार्टी ने बंपर जीत हासिल की है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि ये सभी चयनित नेता निर्विरोध ही राज्यसभा के लिए निर्वाचित कर लिए जाएंगे। वहीं, अब आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा के नामित नेताओं के नामों पर आपत्ति व्यक्त करते हुए विरोधी दलों ने पार्टी पर निशाना साधा है।
विरोधी दलों ने राघव चड्ढा के नाम को लेकर कहा कि पार्टी किसी बाहरी और सीएम केजरीवाल के करीबी को राज्यसभा के लिए नामित कर रही है, जिससे पार्टी का दोहरा मापदंड साफ जाहिर हो रहा है। वहीं, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा के लिए नामित किए गए नेताओं के नामों को लेकर ‘आप’ पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “दिल्ली रिमोट कंट्रोल के लिए नई बैटरी। यह टिमटिमा रहा है। हरभजन एक अपवाद हैं….(यह) पंजाब के साथ विश्वासघात है!” वहीं, एक अन्य विधायक ने कहा कि अगर सच में आम आदमी पार्टी के शहीद भगत सिंह को श्रद्धाजंलि अर्पित करना चाहती है , तो शहीद के परिजन के घर से किसी को राज्यसभा भेजे।
तो इस तरह आपने देख लिया कि अभी ‘आप’ को पंजाब में सरकार बनाए दो दिन भी नहीं हुए और पार्टी के खिलाफ विरोध की बयार बहनी शुरू हो गई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में विरोधी दलों की तरफ से हर छोटे-बड़े मसलों को लेकर सरकार की घेराबंदी की जाएगी और ऐसे में सरकार अपना बचाव कैसे करती है। यह देखने वाली बात होगी।