नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने अहिंसा की बात करते हुए हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अहिंसा के विचार की रक्षा के लिए कभी-कभी हिंसा जरूरी हो जाती है। अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हिंदू आध्यात्मिक सेवा मेले में अपनी बात रखते हुए संघ नेता ने कहा कि देश के लोगों को शांति पथ पर सभी लोगों को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि जो सबको साथ लेकर चल सकता है वही शांति स्थापित कर सकता है। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ हमारी आध्यात्मिकता की अवधारणा है।
भैयाजी जोशी बोले, हिंदू हमेशा से ही अपने धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहा है। अपने धर्म की रक्षा के लिए हमें वो काम भी करने होंगे जिन्हें दूसरे लोग अधर्म की संज्ञा देते हैं और ऐसे काम हमारे पूर्वज करते भी आए हैं। महाभारत के युद्ध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पांडवों ने धर्म की रक्षा करने और ‘अधर्म’ को खत्म करने के लिए युद्ध के नियमों की अनदेखी की थी। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा ऐसा कोई और देश नहीं है जो सभी को साथ लेकर चलने में सक्षम हो। अगर हम पूरी दुनिया को एक परिवार मान लें तो सारा विवाद ही खत्म हो जाएगा। आरएसएस नेता ने कहा कि चर्च या मिशनरी जैसी कुछ ही संस्थाएं निस्वार्थ सेवा कर रही हैं, यह दुनिया भर में फैला एक मिथक है।
जोशी बोले, हमारी एक प्राचीन परंपरा है जिसमें मंदिरों और गुरुद्वारों में रोजाना लगभग 1 करोड़ लोगों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है। हिंदू धार्मिक संगठन केवल अनुष्ठान नहीं कराते वरन उनके द्वारा स्कूल, गुरुकुल और अस्पताल भी संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, जब लोग खुद को हिंदू कहते हैं तो इसमें कई प्रकार के बहुत से पहलू शामिल होते हैं, जिसमें धर्म, आध्यात्मिकता, विचारधारा, सेवा और जीवनशैली शामिल है। मानवता हिंदू धर्म के केंद्र में है।