
नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग है या फव्वारा? इसे लेकर फिलहाल कुछ भी बता पाना मुश्किल है। जहां एक तरफ हिंदू पक्ष की तरफ से इसे शिवलिंग बताया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जा रहा है। अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इस बात का पता कैसा चलेगा कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग है या फव्वारा, तो अब इसकी कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग की जा रही है। दरअसल, कार्बन डेटिंग वो वैज्ञानिक पद्धति है, जिसके जरिए प्रचीन स्थलों की अवधि व मूल आकृति का पता लगाया जाता है।
हालांकि, मुस्लिम पक्षकारों की ओर से कथित तौर पर शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने पर विरोध जताया गया था। अब इस पूरे विवाद में अगर किसी की मुख्य भूमिका बनती है, तो वाराणसी जिला कोर्ट की। बता दें कि आज जिला कोर्ट ने इसी बात को लेकर फैसला सुनाया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए की नहीं। ध्यान रहे कि इससे पूर्व कोर्ट ने इस बात को लेकर फैसला सुनाया था कि आखिर यह पूरा मामला सुनवाई योग्य है की नहीं। जहां एक तरफ मुस्लिम पक्ष की ओर से इस पूरे मामले को सुनवाई योग्य नहीं बताया जा रहा था, तो वहीं दूसरी तरफ हिंदू पक्ष इस पर सुनवाई की मांग कर रहा था। जिसे बीते दिनों कोर्ट ने अपने फैसले में उपरोक्त प्रकरण को सुनवाई योग्य बताया था। जिस मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति जताते हुए उच्च न्यायालय में जाने की बात कही थी। ध्यान रहे कि मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 की दलीलें पेश कर इसे सुनवाई योग्य नहीं बताया था। लेकिन इन तमाम दलीलों को दरकिनार करते हुए हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया गया था।
आया जिला कोर्ट का फैसला
उधर, अब इस पूरे मसले को लेकर जिला कोर्ट का फैसला आ चुका है। जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष को बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल, कोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा कार्बन डेटिंग की मांग की अर्जी को खारिज कर दिया है। अब ऐसी स्थिति में हिंदू पक्ष की ओर से उच्च न्यायालय में जाने की बात कही गई है।
Gyanvapi Mosque issue: Varanasi Court rejects Hindu side’s demand seeking carbon dating and scientific investigation of ‘Shivling’ in the mosque complex#UttarPradesh pic.twitter.com/UdFFgZz3Bj
— ANI (@ANI) October 14, 2022
अब ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर अब इस बात को लेकर स्थिति कैसे स्पष्ट होगी कि आखिर ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग वाकई में शिवलिंग है या फव्वारा ? अब ऐसे में आगामी दिनों में इस पूरे प्रकरण को लेकर कोर्ट का क्या फैसला रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।