
नई दिल्ली। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए ममता सरकार में पूर्व उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले लगातार उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई है और अब खबर है कि ईडी ने उनके खिलाफ बैंकशाल कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिमसें कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जो कि आगामी दिनों में पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। ईडी द्वारा दाखिल किए गए आरोपपत्र में बीमा पॉलिसी का जिक्र किया गया है। आरोपपत्र में कुल 31 बीमा पॉलिसी का जिक्र किया गया है, जिसके बारे में कहा गया है कि इन सभी का भुगतान पार्थ चटर्जी किया करते थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 31 बीमाओं में से अधिकांश की कीमत औसतन 50 से 45 हजार के आसपास बताई गई है। इतना ही नहीं, पार्थ ने कोर्ट के समक्ष खुद इस बात को स्वीकार भी किया था कि वे खुद ही इन बीमा प्रिमियम का भुगतान किया करते थे।
आपको बता दें कि बीते दिनों जांच के दौरान पुलिस ने पार्थ चटर्जी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था, जिसके बाद उसे सीआईएसएफएल जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन इस बीच देखा गया कि इसमें बीमा राशि जमा होने के मैसेज आ रहे हैं। इस पर जैसे ही जांच अधिकारियों की नजर गई, तो उन्होंने बैंक से संपर्क किया, जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि यह भुगतान पार्थ चटर्जी की ओर से किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से इसका भुगतान हो रहा है। बता दें कि ईडी ने पार्थ के खिलाफ 172 पेज का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया है। इसके अलावा बीते दिनों पार्थ की करोड़ों की संपत्ति भी जब्त की गई थी। जिसमें कई चल, अचल संपत्ति समेत कीमती आभूषण शामिल थे। बहरहाल, अब इस पूरे मामले की जांच जारी है। अब आगामी दिनों इसमें कितने लोगों के नाम सामने आते हैं और आगे चलकर यह माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम