
नई दिल्ली। निर्भया केस के बाद हैदराबाद के दिशा रेप केस ने एक बार फिर से देश के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए थे। उस समय एक बार फिर से देश में बलात्कार जैसे घिनोने कृत्य पर बहस शुरु हो गई थी। दरअसल, हैदराबाद की एक युवा पशु चिकत्सक दिशा की रेप करने के बाद हत्या कर दी गई थी। जिसका आरोपी मोहम्मद आरिफ उर्फ अहमद, जोलू शिवा, चिंताकुंतला चेन्नाकेशवुलु और जोलू नवीन पर लगा था। हालांकि इसके बाद पुलिस ने कार्यवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था और उसी साल 6 दिसंबर के दिन शादनगर के पास एक मुठभेड़ में ये चारों आरोपी मारे गए थे। इस प्रकरण के बारे में पुलिस ने बात करते हुए बताया कि आरोपियों से कुछ पूछताछ करने के लिए वह उन्हें घटनास्थल पर ले गई थी।
इसी दौरान वहां से भागने की कोशिश कर रहे थे। हम लोगों ने अपने बचाव के लिए गोलियां चलाई थी। जिसके चलते अपराधियों की मौत हो गई। इसके बाद तेलंगाना के पूर्व त्कालीन कानून मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने इसे भगवान का न्याय बताकर अपनी पीठ थपथपाने का काम किया था। लेकिन अब इसको लेकर जो खबर सामने आ रही है, वह हैरान करने वाली है।
दिशा रेप केस में एनकाउंटर फर्जी
दरअसल, सिरपुरकर कमीशन की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि यह एनकाउंटर फर्जी था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिरकरपुर कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट में जो रिपोर्ट दाखिल की है, उससे यह संकेत मिल रहा हैं कि दिशा रेप केस के आरोपियों का एनकाउंटर फर्जी था। इस रिपोर्ट के मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाई कोर्ट को एक्शन लेने के लिए कहा है।
बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा था कि चारों आरोपियों ने पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी। पुलिस की इस थ्योरी पर यकीन नहीं किया जा सकता है और इसका कोई पक्का सबूत भी नहीं मिला है।