
नई दिल्ली। यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। वहीं, नियमित सुनवाई पर आगामी 20 जुलाई से सुनवाई शुरू होगी। अंतरिम जमानत एक समयबद्ध जमानत होती है, जो कि एक निश्चित समयावधि तक ही किसी भी आरोपी को प्रदान की जाती है। वहीं, अगर आगामी 20 जुलाई को होने वाली सुनवाई में बृजभूषण शरण सिंह को नियमित जमानत नहीं मिली तो उन्हें फिर से अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करनी होगी। उधर, कानूनी जानकारों की मानें तो इस मामले में बृजभूषण की गिरफ्तारी की संभावना कम ही मालूम पड़ती है।
Former Wrestling Federation of India (WFI) chief and BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh and Vinod Tomar granted interim bail by Delhi’s Rouse Avenue court in the case of alleged sexual harassment of wrestlers. pic.twitter.com/EYWbwmQfuZ
— ANI (@ANI) July 18, 2023
बता दें कि बृजभूषण पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। बीते दिनों बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महिला पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक माह तक आंदोलन किया था , लेकिन बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। हालांकि, पहलवानों की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था और तीन माह का वक्त समिति को जांच के लिए दिया गया था, लेकिन तय समयावधि पूरी होने के बाद भी जांच की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, जिस पर महिला पहलवानों ने नाराजगी भी जाहिर की थी।
वहीं, बृजभूषण ने अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश बताया था, लेकिन बीते दिनों पहलवानों ने कई ऐसे सबूत पेश किए थे, जिससे बृजभूषण पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि होती है, लेकिन फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तो इस इस संदर्भ में कुछ भी टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा। वहीं, इस मसले को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। विपक्षियों का कहना है कि बीजेपी अपने सांसद को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर बृजभूषण पर लगे आरोपों सिद्ध हुए , तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।