नई दिल्ली। सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर एक बड़ी खबर आई है। दरअसल, मुख्यमंत्री को हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा चलाने की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया। प्रदेश सरकार ने मई 2017 में इस आधार पर अनुमति से मना कर दिया था कि मुकदमे में सबूत नाकाफी हैं। 2018 में इलाहाबाद हाई कोर्ट भी इसे सही ठहरा चुका है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ह हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि एक लोकतांत्रिक देश में असली ताकत अगर किसी के पास होती है, तो वो मतदाता ही होते हैं।
Supreme Court dismisses plea challenging the decision to deny sanction to prosecute Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath in a matter pertaining to alleged hate speech in 2007. pic.twitter.com/xEc2tFP5Ii
— ANI (@ANI) August 26, 2022
यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा। लेकिन उससे पहले हमें कई सवालों पर विचार करने की आवश्यकता होगी। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए हमें 2013 के सुब्रमण्यम बालाजी फैसले के फैसले का भी अवलोकन करना होगा। बता दें कि सीएम योगी के हेट स्पीच मामले के संदर्भ में चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने फैसला सुनाया है। बहरहाल, कोर्ट के इस फैसले को उन सभी लोगों के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, जो कि सीएम योगी के खिलाफ कोर्ट के दर पर पहुंचे थे। आइए, अब आपको पूरा माजरा जरा विस्तार से बताते हैं।
दरअसल, याचिकाकर्ता परवेज परवाज ने सीएम योगी पर आरोप लगाया था कि सीएम योगी ने 27 जनवरी, 2007 को गोरखपुर में आयोजित एक बैठक में “हिंदू युवा वाहिनी” कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुस्लिम विरोधी बयान दिया है। ध्यान रहे कि इससे पहले याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी, जिसके परवेज ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन यहां भी उसकी याचिका को खारिज ही कर दिया गया और इस तरह से सीएम योगी आदित्यनाथ को हेट स्पीच मामले में बड़ी राहत मिल गई है।