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Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद मौर्य ने कारसेवकों पर गोली चलाने को सही ठहराया तो भड़की BJP, कहा- ‘भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि दें’

Ayodhya Ram Mandir: स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, जिसे अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी। वहां बिना किसी न्यायपालिका के निर्देश के, बिना किसी प्रशासनिक आदेश के बड़े पैमाने पर अराजकतत्वों ने जो तोड़फोड़ की थी, तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए, अमन चमन कायम करने के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी। 

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बिगड़े बोल के चलते सुर्खियों में बने रहते है। पहले वो सनातन धर्म और हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर चुके है। इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य ने कारसेवकों पर गोली चलाने को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया। इतना ही नहीं सपा नेता ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कार्यक्रम बताया। दरअसल कासगंज में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये विवादित बयान दिया है। स्वामी प्रसाद ने एक बार फिर से बैठे बिठाए भाजपा को मुद्दा दे दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने पलटवार किया है। जयवीर सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित बयानों के बयानवीर हो गए हैं। मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि दें…ताकि उनके जीवन का कल्याण का मोक्ष हो सके। आए दिन वो कोई ना कोई विवादित बयान देते रहते है। ”

जानिए क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, जिसे अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी। वहां बिना किसी न्यायपालिका के निर्देश के, बिना किसी प्रशासनिक आदेश के बड़े पैमाने पर अराजकतत्वों ने जो तोड़फोड़ की थी, तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए, अमन चमन कायम करने के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी। सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था। एसपी सिंह बघेल भी उस समय समाजवादी पार्टी में थे।

उधर सोशल मीडिया पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों का भी अक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग उनकी जमकर क्लास लगा रहे है। जानकारी के लिए बता दें कि साल 1990 में बड़ी तदाद में कारसेवक अयोध्या जा रहे थे। तब पुलिस ने उन पर गोल कारसेवकों पर गोली चलवाई गई थी। उस वक्त सूबे में सपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे।