newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Odisha: ओडिशा में बीजेपी ने लगाई बड़ी सेंध, पूर्व राज्यसभा सांसद ममता मोहंता बीजेडी छोड़कर हुईं भाजपा में शामिल

Odisha: ओडिशा में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं। हालांकि, राज्य में बीजेपी सत्ता में है, लेकिन राज्यसभा में उनके पास केवल एक सांसद है। राज्यसभा के मौजूदा गणित को देखें तो कुल सदस्यों की संख्या 245 है, लेकिन वर्तमान में केवल 225 सांसद ही हैं। बीजेपी के पास 86 सांसद हैं, और एनडीए सहयोगियों को मिलाकर यह संख्या 101 तक पहुंचती है, जो बहुमत के आंकड़े 113 से कम है।

नई दिल्ली। ओडिशा विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी ने बीजू जनता दल (BJD) के प्रभावशाली किले में सेंध लगाते हुए राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम दिया है। बीजेडी की पूर्व राज्यसभा सांसद ममता मोहंता ने बुधवार, 31 जुलाई 2024 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिसे राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंजूरी दी। इसके बाद, 1 अगस्त 2024 को ममता मोहंता ने बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने बीजेडी से भी इस्तीफा दे दिया था। ममता मोहंता का राज्यसभा कार्यकाल 2020 में शुरू हुआ था और 2026 तक चलना था। उनके इस्तीफे के बाद अब इस सीट पर चुनाव होंगे, जिसमें विधानसभा में सदस्यों की संख्या के गणित के अनुसार बीजेपी को इस सीट पर जीत की संभावना है।

ओडिशा में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं। हालांकि, राज्य में बीजेपी सत्ता में है, लेकिन राज्यसभा में उनके पास केवल एक सांसद है। राज्यसभा के मौजूदा गणित को देखें तो कुल सदस्यों की संख्या 245 है, लेकिन वर्तमान में केवल 225 सांसद ही हैं। बीजेपी के पास 86 सांसद हैं, और एनडीए सहयोगियों को मिलाकर यह संख्या 101 तक पहुंचती है, जो बहुमत के आंकड़े 113 से कम है। इसलिए, राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंचने के लिए ओडिशा की सीटें बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। बीजेपी में शामिल होने के बाद ममता मोहंता ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोगों की सेवा करने के आदर्शों से प्रेरित होकर बीजेपी में शामिल हुई हूं। यह मेरा व्यक्तिगत फैसला है और किसी साजिश के तहत नहीं किया गया है।”


ममता मोहंता के इस फैसले ने ओडिशा की राजनीति में हलचल मचा दी है और आगामी चुनावों में बीजेपी की स्थिति को मजबूत करने की संभावना बढ़ा दी है। इससे राज्यसभा में बीजेपी और एनडीए को बहुमत के करीब पहुंचने में मदद मिल सकती है।