newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

BJP Slams Rahul Gandhi: सिख विरोधी दंगों पर राहुल गांधी ने मांगी माफी तो बीजेपी ने साधा निशाना, कहा- कांग्रेस ने हिंसा करने वालों को दी पनाह

BJP Slams Rahul Gandhi: 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की उनके ही सुरक्षाकर्मियों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों की चलाई गोलियों से इंदिरा गांधी का शरीर छलनी हो गया था। इसके बाद ही देश के तमाम इलाकों में सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए थे। जिसमें करीब 3000 सिखों की जान गई थी। इन दंगों की जांच नानावटी आयोग ने की थी। दंगों के बाद राजीव गांधी ने ये कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती थोड़ी हिलती है।

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के सिख विरोधी दंगों के मामले में दिए बयान पर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता तरुण चुघ ने कहा कि हकीकत ये है कि 40 साल तक कांग्रेस और गांधी परिवार ने सिख विरोध दंगों के दोषियों को पनाह दी। बीजेपी नेता ने कहा कि 52 शहरों में सिखों को जलाकर मारा गया। उनको घरों से निकाला गया। तरुण चुघ ने कहा कि राहुल गांधी ने सिखों के जख्मों पर नमक छिड़का है। बीजेपी नेता ने कहा कि अगर उनमें शर्म होती, तो वो जगदीश टाइटलर, कमलनाथ, सज्जन कुमार और सैम पित्रोदा पर कार्रवाई करते।

राहुल गांधी बीते दिनों अमेरिका के दौरे पर गए थे। वहां ब्राउन यूनिवर्सिटी में उनका कार्यक्रम हुआ था। उस कार्यक्रम में एक सिख ने 1984 के दंगों पर राहुल गांधी से सवाल पूछा था। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि जिस समय सिख विरोधी दंगे हुए, वो राजनीति में नहीं थे। फिर भी वो इस मामले में माफी मांगते हैं। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि सिखों से उनके अच्छे रिश्ते हैं। उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने बताया था कि वो कई बार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर भी जा चुके हैं। बता दें कि पहले भी पीएम रहे मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने सिख विरोधी दंगों के लिए खेद जताया था। हालांकि, बीजेपी अब भी लगातार कांग्रेस को इस मामले में घेरती रहती है।

31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की उनके ही सुरक्षाकर्मियों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों की चलाई गोलियों से इंदिरा गांधी का शरीर छलनी हो गया था। इसके बाद ही देश के तमाम इलाकों में सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए थे। जिसमें करीब 3000 सिखों की जान गई थी। इन दंगों की जांच नानावटी आयोग ने की थी। दंगों के बाद उस वक्त पीएम रहे राजीव गांधी ने ये कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती थोड़ी हिलती है। राजीव गांधी के इस बयान को भी कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।