नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी रिमांड बढ़ाते हुए आज कोर्ट ने 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। इसके बाद बीजेपी की ओर से केजरीवाल समेत संपूर्ण विपक्ष को लेकर निशाना साधा गया। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को हुई विपक्ष की महारैली में जिस प्रकार से सभी दल केजरीवाल के समर्थन में दिखाई दिए, उस पर बीजेपी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘स्वघोषित कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री’ केजरीवाल को बचाने में पूरा विपक्ष जुटा हुआ है।
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal sent to judicial custody till April 15, BJP MP Sudhanshu Trivedi says, “…Those who tried to portray the bogie of victimhood, I would like to underline that today’s judgement of the court is based on concrete evidence for which neither we nor… pic.twitter.com/OAA2gv0HYC
— ANI (@ANI) April 1, 2024
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए केजरीवाल, आम आदमी पार्टी समेत संपूर्ण विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हुए, ‘स्वघोषित कट्टर ईमानदार दिल्ली के मुख्यमंत्री’ अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के पुराने आरोपियों और पुराने गुनाहों में शामिल रहे राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भावनात्मक आधारों का भी उपयोग करने का प्रयास किया गया, लेकिन आज न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का जो निर्णय सुनाया है, वो तथ्यात्मक आधार पर है।
सुधांशु ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अन्ना हजारे केजरीवाल के ‘गुरु’ हुआ करते थे, गुरु ने कहा था कि वह राजनीति में शामिल नहीं होंगे, ‘चेला’ राजनीति में शामिल हुआ और सीएम भी बना। लेकिन कल एक और रैली हुई जहां उन्होंने अपना ‘गुरु’ बदल लिया। अब ‘गुरु’ हैं लालू प्रसाद यादव। उन्होंने कहा कि जब लालू यादव जेल जा रहे थे तो कम से कम उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन केजरीवाल ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने ईडी की पूछताछ में नाम लिया है कि शराब घोटाला का आरोपी विजय नायर आप की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। इससे ये बात भी स्पष्ट होती जा रही है कि केजरीवाल ईडी के सामने आने से क्यों बच रहे थे। उन्होंने कहा कि शराब नीति पर दिल्ली सरकार की स्थिति साफ होती जा रही है। देखना होगा कि केजरीवाल इस्तीफा देते हैं या नई राजनीति की ओर रुख करते हैं।