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Farm Laws: चीफ जस्टिस के इस बयान का जिक्र कर सोशल मीडिया पर घिरे टिकैत, जानिए लोगों ने क्या कहा

Farm Laws: टिकैत के इस ट्वीट पर तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सुरेश नाम के यूजर ने लिखा कि आपके द्वारा लिखी यही बात तालिबान पर भी सटीकता से लागू होती है। वह भी अनपढ़ हैं। कुर्सी पर बैठ गए हैं। उनको मालूम ही नहीं है देश कैसे चलता है। फिर भी तुम उन लोगों का समर्थन कर रहे हो। अजीब हो आप तो।

नई दिल्ली। शायद ही कोई दिन बीतता हो, जब किसानों का नेता बनकर घूम रहे राकेश टिकैत को उनके बयानों के लिए लोगों की बात सुननी न पड़े। एक बार फिर ऐसा हुआ है। दरअसल, टिकैत ने चीफ जस्टिस के बयान का जिक्र कर मोदी सरकार पर निशाना साधा, लेकिन खुद ही तमाम लोगों के निशाने पर आ गए। टिकैत ने ट्वीट में लिखा कि चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने चिंता जताई है कि संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस कम हो रही है। ऐसे में पास हो रहे कानून के पीछे की मंशा का पता लगाना मुश्किल होता है। राकेश टिकैत ने आगे लिखा कि अब तो सरकार को शर्म आनी चाहिए। वह तीनों काले कानून रद्द करे और एमएसपी की गारंटी दे।

टिकैत के इस ट्वीट पर तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सुरेश नाम के यूजर ने लिखा कि आपके द्वारा लिखी यही बात तालिबान पर भी सटीकता से लागू होती है। वह भी अनपढ़ हैं। कुर्सी पर बैठ गए हैं। उनको मालूम ही नहीं है देश कैसे चलता है। फिर भी तुम उन लोगों का समर्थन कर रहे हो। अजीब हो आप तो। वहीं, अशोक ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा कि शर्म को भी शर्म आने लगी। शर्म तो न आई तुम्हे देश में अशांति फैलाते हुए। अब शर्म ही बेशर्म टिकैत से शर्माने लगी।

कमल रोहिल्ला ने राकेश टिकैत के ट्वीट पर लिखा कि शर्म तो तुम्हें भी आनी चाहिए नकली किसान। वहीं भर्भूती नाम के यूजर ने लिखा कि जो 2 बार जमानत जब्त करा चुका हो। जिसके पास 20 आदमी भी न हों वो कानून वापस कराएगा। भूपेश नाम के यूजर ने लिखा तुझ जैसे को तो जेल में होना चाहिए।

बता दें कि चीफ जस्टिस ने 15 अगस्त को एक कार्यक्रम में कहा था संसद में उचित बहस या चर्चा नहीं होती। सीजेआई ने कहा था कि पहले संसद के दोनों सदनों में बहस पॉजिटिव और समझदारी से होती थी। हर कानून पर विशेष चर्चा होती थी, लेकिन अब संसद के बनाए कानूनों में खुलापन नहीं रहा। उन्होंने कहा कि संसद के कानूनों में स्पष्टता नहीं रही। यह जनता के लिए नुकसानदायक है।