नई दिल्ली। शायद ही कोई दिन बीतता हो, जब किसानों का नेता बनकर घूम रहे राकेश टिकैत को उनके बयानों के लिए लोगों की बात सुननी न पड़े। एक बार फिर ऐसा हुआ है। दरअसल, टिकैत ने चीफ जस्टिस के बयान का जिक्र कर मोदी सरकार पर निशाना साधा, लेकिन खुद ही तमाम लोगों के निशाने पर आ गए। टिकैत ने ट्वीट में लिखा कि चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने चिंता जताई है कि संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस कम हो रही है। ऐसे में पास हो रहे कानून के पीछे की मंशा का पता लगाना मुश्किल होता है। राकेश टिकैत ने आगे लिखा कि अब तो सरकार को शर्म आनी चाहिए। वह तीनों काले कानून रद्द करे और एमएसपी की गारंटी दे।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस की कमी है। ऐसे में जो कानून पास होते हैं उनके पीछे की मंशा का पता लगाना मुश्किल होता है।अब तो सरकार को शर्म आ जानी चाहिए तीनों काले कानून को रद्द करे और एमएसपी की गारंटी दे।#apmc
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) August 17, 2021
टिकैत के इस ट्वीट पर तमाम लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सुरेश नाम के यूजर ने लिखा कि आपके द्वारा लिखी यही बात तालिबान पर भी सटीकता से लागू होती है। वह भी अनपढ़ हैं। कुर्सी पर बैठ गए हैं। उनको मालूम ही नहीं है देश कैसे चलता है। फिर भी तुम उन लोगों का समर्थन कर रहे हो। अजीब हो आप तो। वहीं, अशोक ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा कि शर्म को भी शर्म आने लगी। शर्म तो न आई तुम्हे देश में अशांति फैलाते हुए। अब शर्म ही बेशर्म टिकैत से शर्माने लगी।
आपके द्वारा लिखी यही बात तालिबान पर भी सटीकता से लागू होती है….
वह भी अनपढ़ है कुर्सी पर बैठ गये है उनको मालूम ही नही है देश कैसे चलता हैफिर भी तुम उन लोगो का समर्थन कर रहे हो
अजीब डॉ. हो आप तो.
सोच हमेशा निष्पक्ष रखो भाई । ?
— Suresh Aadra (@SureshAadra) August 17, 2021
कमल रोहिल्ला ने राकेश टिकैत के ट्वीट पर लिखा कि शर्म तो तुम्हें भी आनी चाहिए नकली किसान। वहीं भर्भूती नाम के यूजर ने लिखा कि जो 2 बार जमानत जब्त करा चुका हो। जिसके पास 20 आदमी भी न हों वो कानून वापस कराएगा। भूपेश नाम के यूजर ने लिखा तुझ जैसे को तो जेल में होना चाहिए।
भक्क दलचट्टे जो 2 बार जमानत जब्त करा चुका हो जिसके पास 20 आदमी भी न हों वो कानून वापस कराएगा
— भर्भूती जी ब्राह्मण (@Green_Funguss) August 17, 2021
शर्म को भी शर्म आने लगी
शर्म खुद शर्म से छुपने लगी
शर्म तो न आई तुम्हे देश में अशांति फैलाते हुए
अब शर्म ही बेशर्म टिकैत से शर्माने लगी।— As ठाकुर उर्फ वंदे मातरम (@ashokth08457238) August 17, 2021
बता दें कि चीफ जस्टिस ने 15 अगस्त को एक कार्यक्रम में कहा था संसद में उचित बहस या चर्चा नहीं होती। सीजेआई ने कहा था कि पहले संसद के दोनों सदनों में बहस पॉजिटिव और समझदारी से होती थी। हर कानून पर विशेष चर्चा होती थी, लेकिन अब संसद के बनाए कानूनों में खुलापन नहीं रहा। उन्होंने कहा कि संसद के कानूनों में स्पष्टता नहीं रही। यह जनता के लिए नुकसानदायक है।