newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Bill On Delhi: दिल्ली के बिल पर बीएसपी भी विपक्ष के साथ हुई खड़ी, क्या इससे राज्यसभा में होगा मोदी सरकार को खतरा?

दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल का असली गणित राज्यसभा का है। इस बिल के जरिए संविधान में संशोधन होगा। इस वजह से राज्यसभा में भी मोदी सरकार को इसे पास कराना होगा। राज्यसभा में अभी सांसदों की संख्या 238 है। 7 सीटें खाली हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 120 होता है।

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल लोकसभा में पेश हो गया है। इस बिल पर आज चर्चा के बाद वोटिंग की संभावना है। वोटिंग में सत्तारूढ़ बीजेपी का पलड़ा भारी है। अकेले बीजेपी के पास ही लोकसभा में 300 सांसद हैं। ऐसे में लोकसभा में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के 26 दलों के लिए उसे हराना मुश्किल है। इसके अलावा ओडिशा की बीजेडी और आंध्र प्रदेश की वाईएसआरसीपी ने भी दिल्ली संबंधी बिल पर एनडीए का साथ देने का फैसला किया है। इससे लोकसभा में विपक्षी गठबंधन को बिल का विरोध करते हुए निश्चित तौर पर मुंह की खानी पड़ेगी।

nda parties

दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल का असली गणित राज्यसभा का है। इस बिल के जरिए संविधान में संशोधन होगा। इस वजह से राज्यसभा में भी मोदी सरकार को इसे पास कराना होगा। राज्यसभा में अभी सांसदों की संख्या 238 है। 7 सीटें खाली हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 120 होता है। 1 सांसद वाली बीएसपी ने विपक्ष का साथ देने का फैसला किया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार को राज्यसभा में खतरा है? तो चलिए ताजा गणित देख लेते हैं। राज्यसभा में बीजेपी के 92 सांसद हैं। इनके अलावा एआईएडीएमके के 4, असम गण परिषद का 1, रिपब्लिकन पार्टी का 1, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) का 1, मिजो नेशनल फ्रंट का 1, नेशनल पीपुल्स पार्टी का 1, पीएमके का 1 सांसद है। इन सबके अलावा 5 नामित सदस्यों को मिलाकर एनडीए का आंकड़ा 107 का है। वहीं, बीजेडी और वाईएसआरसीपी के 9-9 सांसद मिला लें, तो सरकार के पक्ष में संख्या 126 सांसदों की दिख रही है।

Opposition meeting

अगर विपक्ष की बात करें, तो कांग्रेस के 31, टीएमसी के 13, आम आदमी पार्टी और डीएमके के 10-10, आरजेडी के 6, सीपीएम और जेडीयू के 5-5, सपा और शिवसेना के 3-3, सीपीआई और जेएमएम के 2-2 सांसद हैं। इनके अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का 1, केरल कांग्रेस मणि का 1, बीएसपी का 1 और आरएलडी का 1 सांसद मिलाकर संख्या 94 होती है। बीएसपी ने विपक्ष का साथ देने का फैसला किया है। अब एनसीपी को भी देख लेते हैं। राज्यसभा में एनसीपी के 3 सदस्य हैं। एनसीपी में टूट हो चुकी है और सांसद प्रफुल्ल पटेल ने अजित पवार का साथ दिया है। यानी उनका वोट एनडीए के खाते में जाना तय है। ऐसे में प्रफुल्ल पटेल का वोट मिलाकर एनडीए के पक्ष में 127 सांसद तय हैं। अगर बाकी 2 एनसीपी सांसद विपक्ष के साथ भी खड़े हो जाएं, तो भी विपक्षी सांसदों की संख्या 96 ही होती है। यानी दिल्ली संबंधी बिल पर सरकार को हराने में वो नाकाम रहेगा।