
नई दिल्ली। गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे तो आज आने ही हैं। इनके अलावा मैनपुरी लोकसभा सीट और 6 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे भी आज आने हैं। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें यूपी की रामपुर और खतौली भी हैं। इनके अलावा राजस्थान के सरदारशहर, बिहार की कुढ़नी, ओडिशा की पद्मपुर और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट पर भी उपचुनाव हुए थे। हालांकि, ये सभी सीटें अपने राज्यों की पार्टियों के लिए अहम हैं, लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों की नजर मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव और रामपुर के अलावा खतौली विधानसभा सीटों के उपचुनाव नतीजों पर रहने वाली है। इसकी वजह हम एक-एक कर आपको बताते हैं।
मैनपुरी में मुलायम की विरासत संंभालेंगी डिंपल?
पहले बात मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव की करते हैं। यहां से सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह सांसद थे। बीते दिनों उनका निधन हो गया था। जिसके बाद उपचुनाव कराया गया। यहां मुलायम की विरासत का सवाल अहम है। सपा ने उनकी बड़ी बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल को मैनपुरी से मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने मुलायम के भाई शिवपाल सिंह के चेले रहे रघुराज सिंह शाक्य को चुनाव लड़ाया है। सपा के साथ बीजेपी भी दावा कर रही है कि मुलायम की विरासत पर उसका ही हक है। ऐसे में दोनों दलों के लिए मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव की जंग बहुत अहम है। सपा दावा कर रही है कि डिंपल यहां से मुलायम से ज्यादा वोट हासिल करेंगी, लेकिन बीजेपी ये दावा करने में पीछे नहीं कि सपा को यहां के वोटर हराकर भेजेंगे।
रामपुर-खतौली में भी सपा और बीजेपी की प्रतिष्ठा का सवाल
मैनपुरी में तो मुलायम सिंह की विरासत की जंग है। वहीं, यूपी के रामपुर और खतौली में सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी सपा की प्रतिष्ठा का सवाल है। रामपुर के विधायक आजम खान थे। हेट स्पीच के मामले में उनकी सदस्यता चली गई। यहां से सपा ने आजम के करीबी असीम रजा को उम्मीदवार बनाया। वहीं, बीजेपी ने आकाश सक्सेना को उतारा। वो पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं। आकाश ने ही आजम खान के खिलाफ तमाम केस दर्ज कराए थे। वहीं, बात खतौली की करें, तो बीजेपी के विक्रम सैनी की विधायकी रद्द होने से यहां उपचुनाव हुए। यहां बीजेपी ने विक्रम की पत्नी राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारा। वहीं, सपा और आरएलडी गठबंधन ने 4 बार के विधायक मदन भैया को टिकट दिया। हालांकि, मदन भैया 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।