नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलों में एक और इजाफा हुआ है। मनीष सिसोदिया पर पहले कथित शराब घोटाला करने का आरोप है। अब फीडबैक यूनिट (एफबीयू) के जरिए जासूसी कराने के मामले में भी उनके खिलाफ जांच होगी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनीष सिसोदिया पर जासूसी मामले में सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी है। इस जांच की अनुशंसा दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने बीती 8 फरवरी को की थी। सीबीआई ने फीडबैक यूनिट के जरिए जासूसी कराने का आरोप लगाते हुए मनीष सिसोदिया और अन्य लोगों के खिलाफ जांच की मंजूरी मांगी थी।
दिल्ली सरकार ने साल 2015 में फीडबैक यूनिट बनाई थी। तब इसमें 20 अफसरों को लगाया गया था। सीबीआई का आरोप है कि फीडबैक यूनिट ने 2016 के फरवरी महीने से सितंबर तक अपने राजनीतिक विरोधियों मसलन बीजेपी के नेताओं की जासूसी की। सीबीआई के मुताबिक जासूसी की जद में खुद आम आदमी पार्टी (आप) के भी कई नेताओं को रखा गया था। फीडबैक यूनिट बनाने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर तक से मंजूरी नहीं ली गई थी। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की थी। सीबीआई का कहना है कि प्रारंभिक जांच में उसे जासूसी कराए जाने के सबूत मिले हैं।
अब केंद्रीय गृह मंत्रालय से जांच और केस दर्ज करने की मंजूरी सीबीआई को मिल चुकी है। जाहिर है, दिल्ली सरकार का विजिलेंस विभाग भी देखने वाले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कथित शराब घोटाले में सीबीआई ने पहले ही मनीष सिसोदिया को आरोपियों की लिस्ट में नंबर एक पर रखा हुआ है। उनके घर पर सीबीआई ने छापा भी मारा था। पिछले दिनों सीबीआई ने एक बार फिर मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए बुलाया भी था। सिसोदिया ने इसके लिए वक्त मांगा था। जिसके बाद सीबीआई ने 26 फरवरी को उनको तलब किया है।