newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सभी रोपवे परियोजनाओं के लिए सुरक्षा ऑडिट करने को कहा

इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने कहा कि रोपवे परियोजना के रखरखाव के लिए BIS का पहले से ही निर्धारण किया गया है, लेकिन मौजूदा वक्त इसका राजनीतिक अनुपालन करने की आवश्यकता है। वहीं, इस संदर्भ में अपिहार्य दिशानिर्देश NHIDCL से प्राप्त किए जा सकते हैं,

नई दिल्ली। विगत दिनों झारखंड के देवघर के त्रिकूट पहाड़ियों की ट्रॉलियां टूट गई थी। 59 लोगों को ले जा रही 18 ट्रालियां हवा में फंसी रह गई। वहीं, भारतीय वायु सेना, थल सेना, आईटीबीपी व स्थानीय प्रशासन की मदद से फंसे लोगों को छुड़ाया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद तीन लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना ने एक दृढ़ मानक ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता महसूस कराई है, ताकि निकट भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति होने से रोका जा सकें।

trikut pahar ropeway accident home ministry meeting in delhi biscuits to  trapped people by drone grj | झारखंड का त्रिकूट रोपवे हादसा: दिल्ली में गृह  मंत्रालय की बैठक, फंसे लोगों को ...

इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने कहा कि रोपवे परियोजना के रखरखाव के लिए BIS का पहले से ही निर्धारण किया गया है, लेकिन मौजूदा वक्त इसका राजनीतिक अनुपालन करने की आवश्यकता है। वहीं, इस संदर्भ में अपिहार्य दिशानिर्देश NHIDCL से प्राप्त किए जा सकते हैं,  जो कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के मताहत आने वाला एक नोडल संगठन है। भल्ला ने कहा कि संबंधित राज्य सरकार का यह दायित्व है कि प्रत्येक रोपवे का निरीक्षण किया जाए। प्रत्येक रोपवे के लिए रखरखाव मानक तैयार किए जाने चाहिए।

trikut pahar ropeway accident air force rescue continues 8 rescued said  hemant soren grj | झारखंड का त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसा: वायुसेना का  रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 28 लोगों को ...

भल्ला ने कहा कि रखरखाव के अलावा रखरखाव कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि रोपवे से संबंधित सुरक्षा के  मानक निर्धारित किए जा सकें। गृह सचिव ने आग्रहपूर्वक कहा कि संबंधित राज्य के प्रत्येक रोपवे का निर्धारित समय पर निरक्षण किया जाए, ताकि संबंधित खामियों किसी भी विषम परिस्थिति के मूर्त रूप धारण करने से पहले ही दुरूस्त किया जा सकें। इस संदर्भ में वरिष्ठ अधिकारियों के भी सुझाव स्वाग्तयोग्य हैं।