लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवा व निदान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने कैंसर ट्रीटमेंट व रिसर्च को सुगमता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत उचित निदान के अभाव को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट (केएसएसएससीआई) में एक ‘सेंटर फॉर एडवांस मॉलेक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर’ के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, इस सेंटर को कल्याण सिंह सुपर स्पशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट परिसर में ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। एक प्रकार से यह सेंटर प्राथमिक से लेकर तृतीय\ सुपर स्पेशलिटी स्तर के निदान के राज्यव्यापी तंत्र के रूप में कार्य करेगा। कैंसर के क्षेत्र में विश्व स्तरीय शोध को बढ़ावा देने के साथ ही कैंसर ट्रीटमेंट की समस्त सेवाओं को एक ही प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस सेंटर के निर्माण व विकास को हरी झंडी मिल गई है।
25 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में होगा सेंटर का विकास
मौजूदा कार्ययोजना के अनुसार, कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट (केएसएसएससीआई) के परिसर में ही 25 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में ‘सेंटर फॉर एडवांस मॉलेक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर’ का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए केएसएसएससीआई को निर्मित क्षेत्रफल वाला क्षेत्र उपलब्ध कराए जाने के लिए केएसएससीआई को निर्देश दिए गए हैं। सेंटर फॉर एडवांस मॉलेक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर को केएसएससीआई की देखरेख में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी-कानपुर), कार्किनोस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड मुंबई के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन करने के लिए अधिकृत किया गया है। इससे जुड़े अन्य अनुवर्ती निर्णय समेत सभी निर्णयों का यथाशीघ्र क्रियान्वयन कराने के लिए सीएम योगी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं और राज्य चिकित्सीय शिक्षा विभाग इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है।
कैंसर से लड़ाई में रिसर्च सेंटर निभाएगा मुख्य भूमिका
पिछले कुछ वर्षों से कैंसर (कर्क रोग) का प्रसार न केवल देश बल्कि प्रदेश में भी काफी बढ़ गया है। इसके लिए प्रदूषण, अस्त-व्यस्त जीवनशैली, नशा समेत कई कारण जिम्मेदार हैं। प्रदेश में प्रतिवर्ष फिलहाल 2.45 लाख कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। यह रोग उत्तर प्रदेश में 1.6 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। कुल मिलाकर, शराब व तंबाकु की बढ़ती खपत और जनसंख्या वृद्धि के दृष्टिगत प्रदेश में कैंसर के बोझ की 3.2 प्रतिशत के दर से प्रतिवर्ष बढ़ने की आशंका है। ऐसे में, ‘सेंटर फॉर एडवांस मॉलेक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर’ प्राथमिक से लेकर तृतीय सुपर स्पेशलिटी स्तर के निदान के राज्यव्यापी तंत्र के रूप में कार्य करते हुए कैंसर के क्षेत्र में विश्व स्तरीय शोध को बढ़ावा देने व इन सभी सेवाओं को एक ही प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य की पूर्ति करने में सक्षम होगा। माना जा रहा है कि पूरी तरह ऑपरेशनल होने पर यह सेंटर प्रदेश में कैंसर की रोकथाम, उचित निदान व अनुसंधान के क्षेत्र में ‘मील का पत्थर’ साबित हो सकेगा।