नई दिल्ली। विवादों में घिरी महाराष्ट्र कैडर की पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर अब एक और बड़ा एक्शन लिया गया है। केंद्र सरकार ने पूजा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। पूजा पर आईएएस ( प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है। फर्जी तरीके से विकलांगता प्रमाणपत्र बनवाकर यूपीएसी परीक्षा में आरक्षण का लाभ लेने समेत पूजा पर कई गंभीर आरोप हैं। इन्हीं आरोपों के चलते बीते दिनों यूपीएससी ने कार्रवाई करते हुए पूजा की आईएएस उम्मीदवारी को रद्द कर दिया था। इतना ही नहीं पूजा पर भविष्य में भी यूपीएससी की परीक्षाओं में शामिल होने पर बैन लगा दिया था। अब केंद्र सरकार ने पूजा को नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया है।
उधर, पूजा पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। धोखाधड़ी के आरोपों के चलते यूपीएससी ने पूजा पर केस भी दर्ज कराया है। इसके लिए पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रखी है। अदालत ने 26 सितम्बर तक पूजा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से पूजा की अंतरिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद पूजा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले कोर्ट में पूजा ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि मेरे ऊपर लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप निराधार हैं। मैं अपनी विकलांगता का टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं।
पूजा ने अपने जवाब में यह भी कहा था कि यूपीएससी उम्मीदवारी को रद्द नहीं कर सकती है। एक बार जब किसी अभ्यर्थी का चयन और नियुक्ति प्रोबेशन अधिकारी के रूप में हो जाती है, तब उसे अयोग्य ठहराने की शक्ति यूपीएससी के पास नहीं है। कार्रवाई करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के पास है। अब केंद्र सरकार ने ही पूजा खेडकर को बर्खास्त कर दिया है।