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Punjab: BIG: चैनल के स्टिंग ऑपरेशन ने खोली चन्नी सरकार की पोल, पुलिस को निष्क्रिय बनाकर PM मोदी की सुरक्षा में लगने दी सेंध

इंडिया टुडे ग्रुप के स्टिंग ऑपरेशन ने इस पूरे मामले में पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्टिंग ऑपरेशन में पुलिस के अफसर कहते दिखे कि चुनाव की वजह से सरकार ने पीएम मोदी का रास्ता रोकने वालों पर कार्रवाई नहीं करने दी।

नई दिल्ली। पंजाब के फिरोजपुर में 5 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगी सेंध के मामले में एक स्टिंग ऑपरेशन से नए खुलासे हुए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी बनाने का आदेश दिया था। जांच कमेटी के सदस्यों के नाम की आज घोषणा भी सुप्रीम कोर्ट करने जा रहा है। उससे ठीक पहले इंडिया टुडे ग्रुप के स्टिंग ऑपरेशन ने इस पूरे मामले में पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्टिंग ऑपरेशन में पुलिस के अफसर कहते दिखे कि चुनाव की वजह से सरकार ने पीएम मोदी का रास्ता रोकने वालों पर कार्रवाई नहीं करने दी। इसके अलावा एक बड़ा अफसर कह रहा है कि उसने दौरे से पहले और दौरे के दिन लगातार उच्च अधिकारियों को पल-पल की जानकारी दी, लेकिन अफसरों ने कोई कदम नहीं उठाया।

पीएम मोदी का काफिला जहां प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया था, वहां के थाने के प्रभारी बीरबल सिंह ने स्टिंग ऑपरेशन में कहा कि मुझे पता है कि क्या मामला है। उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखें आनी थीं। इससे पहले सरकार चाह रही थी कि पीएम का रास्ता रोकने वालों पर बल प्रयोग न किया जाए। हमसे कहा ही नहीं गया कि लाठी, आंसू गैस वगैरा चलाकर उन्हें हटाया जाए। बीरबल सिंह इसके साथ ये भी गंभीर बात भी स्टिंग में कहते दिखे कि वो पढ़े-लिखे हैं और उन्हें पता है कि पीएम मोदी का काफिला रोकने वाले किसान नहीं, कट्टरपंथी थे। बीरबल सिंह ने कहा कि इन लोगों को किसान का नाम दे दिया गया, क्योंकि किसानों के नाम पर कोई भी कहीं भी इकट्ठा हो जाता है।

PM Modi

स्टिंग में फिरोजपुर के सीआईडी के डीएसपी सुखदेव सिंह का बयान भी दिखाया गया। सुखदेव सिंह ने चैनल के रिपोर्टर को बताया कि मोदी के दौरे से पहले ही 2 जनवरी को उन्होंने पुलिस के सभी बड़े अफसरों को सूचना दे दी थी कि फिरोजपुर समेत हरीके, फाजिल्का, मोगा और मक्खू में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के फूल समूह के किसान पीएम की रैली में पहुंचकर उनका विरोध कर सकते हैं। सुखदेव सिंह ने बताया कि उन्होंने फिरोजपुर के कलेक्टर, एसएसपी और रेंज के एआईजी को भी रिपोर्ट भेजी थी कि मोदी के कार्यक्रम स्थल तक किसानों को न जाने दिया गया, तो वे सड़क पर धरना दे सकते हैं। रैली वाले दिन जब मोदी का काफिला निकला, तो सुखदेव ने पल-पल की खबर उच्च अफसरों तक दी, लेकिन किसी ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि हमने अपना काम ठीक से किया, यहां तक पहले ही बता दिया कि मोदी के रूट पर किसान धरना देकर बैठ गए हैं।