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Asha Pregnant: नामीबिया से लाई गई आशा नाम की चीता के गर्भवती होने के आसार, कूनो नेशनल पार्क में खुशी की लहर

चीता कंजरवेशन फंड CCF की लॉरी मार्कर ने बताया कि आशा पहले नामीबिया के जंगल में थी। वहां उसके गर्भवती होने की संभावना है। वो पहली बार शावकों को जन्म देगी। उसे अब शांति वाला माहौल चाहिए होगा। आशा के लिए एक रहने की जगह भी उसके बाड़े में बनाकर देनी होगी। उसके शावकों को बचाना काफी जद्दोजहद वाला काम होगा।

कूनो। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से अच्छी खबर आने वाली है। यहां नामीबिया से लाए गए चीतों की देखरेख करने वालों के मुताबिक एक मादा चीता के गर्भवती होने के आसार हैं। इस मादा चीता का नाम पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘आशा’ रखा है। अब आशा ने चीतों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद जगा दी है। चीतों की देखरेख करने वालों के मुताबिक आशा के गर्भवती होने की पुष्टि इस महीने के अंत तक हो जाएगा। फिलहाल यहां सभी 8 चीते अच्छी हालत में हैं। वे भैंस के मांस का भोजन कर रहे हैं और अपने बाड़ों में धमाचौकड़ी भी खूब मचा रहे हैं।

cheetah in kuno national park 1

चीता कंजरवेशन फंड CCF की लॉरी मार्कर ने बताया कि आशा पहले नामीबिया के जंगल में थी। वहां उसके गर्भवती होने की संभावना है। वो पहली बार शावकों को जन्म देगी। उसे अब शांति वाला माहौल चाहिए होगा। आशा के लिए एक रहने की जगह भी उसके बाड़े में बनाकर देनी होगी। लॉरी ने अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से कहा कि आशा अगर शावकों को जन्म देती है, तो उन्हें संभालने के लिए ट्रेंड स्टाफ भी चाहिए। ताकि वो उनको पाल सके। उन्होंने इसे उत्साहजनक कहा, लेकिन साथ ही चिंता भी जताई। उसके आसपास इंसानों के बिल्कुल न पहुंचने को भी लॉरी ने वक्त की जरूरत करार दिया।

pm modi and cheetah

आशा समेत 8 चीतों को नामीबिया से 17 सितंबर को कूनो लाया गया था। इन सभी को अभी छोटे बाड़ों में रखा गया है। एक महीने बाद इन सभी को बड़े बाड़ों में छोड़ा जाना है। अगर आशा के शावक होते हैं, तो उनको बचाने में बड़ी जद्दोजहद करनी होगी। जन्म के वक्त चीतों के शावकों का वजन 250 से 450 ग्राम तक होता है। इन शावकों में से 90 फीसदी वक्त से पहले ही जान भी गंवा देते हैं। अगर आशा 4 शावकों को जन्म देती है और इनमें से 2 भी जिंदा रहते हैं, तो इसे बड़ी उपलब्धि माना जाएगा।